Edited By Yaspal,Updated: 27 Jan, 2020 07:21 PM
बोडो समूहों के साथ सोमवार को हुए समझौते की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह समझौता शांति, सद्भाव और एकजुटता की नई सुबह लेकर आएगा और जो लोग सशस्त्र संघर्ष समूहों से जुड़े हुए थे वो मुख्यधारा में शामिल होंगे और राष्ट्र की प्रगति...
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) में लगभग 2000 ट्रांसजेंडरों को बाहर रखने को लेकर दायर याचिका पर सोमवार को केंद्र और असम सरकार को नोटिस जारी किए। मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने स्वाति बिधान बरुआ की याचिका पर केंद्र और असम सरकार से जवाब तलब किया।
एनआरसी प्रक्रिया के दौरान और अंतिम मसौदे के प्रकाशन के बाद के चरणों में ट्रांसजेंडर्स को शामिल करने का हवाला देते हुए, असम की पहली ट्रांसजेंडर जज बरुआ ने शीर्ष अदालत का रुख किया है। गौरतलब है कि 31 अगस्त 2019 को एनआरसी की अंतिम सूची प्रकाशित होने के बाद इस सूची में 19 लाख लोगों का नाम नहीं था।