Edited By Seema Sharma,Updated: 16 Apr, 2019 02:04 PM
सुप्रीम कोर्ट ने आयकर विभाग की एक अपील पर मंगलवार को कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी और बेटे कार्ति को नोटिस जारी किए। आयकर विभाग ने नलिनी चिदंबरम और कार्ति के खिलाफ कथित कालाधन से संबंधित मामले में आपराधिक अभियोजन की
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आयकर विभाग की एक अपील पर मंगलवार को कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी और बेटे कार्ति को नोटिस जारी किए। आयकर विभाग ने नलिनी चिदंबरम और कार्ति के खिलाफ कथित कालाधन से संबंधित मामले में आपराधिक अभियोजन की कार्रवाई निरस्त करने के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद नलिनी और कार्ति को नोटिस जारी किए। पीठ ने स्पष्ट किया वह नलिनी और कार्ति के खिलाफ आपराधिक अभियोजन की कार्रवाई निरस्त करने के हाईकोर्ट के नवंबर 2018 के आदेश पर रोक नहीं लगाएगी।
यह मामला चिदंबरम की पत्नी नलिनी, पुत्र कार्ति और पुत्रवधु श्रीनिधि द्वारा विदेशों में संपत्ति और बैंक खातों की जानकारी नहीं देने से संबंधित है। आयकर विभाग के अनुसार, इन तीनों ने ही ब्रिटेन के कैम्ब्रिज में संयुक्त स्वामित्व वाली 5.37 करोड़ रुपए की संपत्ति की जानकारी अपनी आयकर विवरणी में नहीं दी थी जो काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) कानून के तहत अपराध है। मद्रास हाईकोर्ट ने गत वर्ष दो नवंबर को आयकर विभाग की आपराधिक अभियोजन की कार्रवाई निरस्त करते हुए कहा था कि इसमें कोई मामला नहीं बनता है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी.चिदंबरम के परिवार के सदस्यों ने उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की कार्रवाई की वैधानिकता को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
आयकर विभाग का आरोप है कि कार्ति चिदंबरम ने ब्रिटेन में मेट्रो बैंक के साथ अपने विदेशी बैंक खाते और अमेरिका में नैनो होल्डिंग्स एलएलसी में किए गए निवेशों की जानकारी का खुलासा नहीं किया था। इसी तरह, आयकर विभाग द्वारा पिछले साल मई में विशेष अदालत में दायर शिकायत में कार्ति पर उनके सह स्वामित्व वाली कंपनी चेस ग्लोबल एडवाइजरी में किए गए निवेश की जानकारी नहीं देने का भी आरोप है। विभाग का कहना है कि यह काला धन कानून के तहत अपराध है।