Edited By vasudha,Updated: 23 Jul, 2018 11:48 AM
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला लेते हुए दिल्ली के जंतर मंतर और बोट क्लब जैसी जगहों पर प्रदर्शन पर लगी रोक को हटा दिया है। कोर्ट के इस आदेश के बाद अब यहां प्रदर्शन हो सकेंगे..
नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने या धरना देने पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लग सकता है। पीठ ने केन्द्र को निर्देश दिया कि वह ऐसे प्रदर्शनों की अनुमति देने के लिए दिशा-निर्देश तय करें। न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने कहा कि नागरिकों के प्रदर्शन करने और शांत जीवन जीने के दोनों परस्पर विरोधी अधिकारों के बीच संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता है।
केन्द्र को इस संबंध में दिशा- निर्देश तय करने का निर्देश देते हुए पीठ ने कहा कि जंतर - मंतर और बोट क्लब (इंडिया गेट) जैसी जगहों पर प्रदर्शन करने पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं हो सकता है। पीठ जंतर - मंतर और बोट क्लब पर होने वाले सभी प्रदर्शनों पर राष्ट्रीय हरित अधिग्रहण द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को चुनौती देने वाली यचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
बता दें कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने प्रदूषण का हवाला देते हुए पिछले साल जंतर-मंतर पर किसी भी प्रकार के प्रदर्शन और लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया था। एनजीटी के इस कदम के खिलाफ कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था और इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस कर नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा था।
दरअसल मजदूर किसान शक्ति संगठन ( MKSS), इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट व अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सेंट्रल दिल्ली में शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करने की इजाजत देने के की मांग की थी। याचिका में कहा गया कि NGT ने जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दी जबकि पूरी सेंट्रल दिल्ली में दिल्ली पुलिस की ओर से हमेशा के लिए धारा 144 लगाई गई है। ऐसे में लोगों के शांतिपूर्व प्रदर्शन करने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है। याचिका में संगठन ने सुझाया है कि इंडिया गेट के पास बोट क्लब पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए वैकल्पिक तौर पर इजाजत दी जा सकती है।