Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Sep, 2017 06:25 PM
भवनों तथा ऐतिहासिक, कलात्मक, सांस्कृतिक एवं पर्यावरण महत्व के स्थलों के संरक्षण के प्रयास के तहत उत्तराखंड सरकार राज्य में असंरक्षित ...
नई दिल्ली : भवनों तथा ऐतिहासिक, कलात्मक, सांस्कृतिक एवं पर्यावरण महत्व के स्थलों के संरक्षण के प्रयास के तहत उत्तराखंड सरकार राज्य में असंरक्षित धरोहरों के लिए एक विशेष कानून लाने की योजना बना रही है। एक अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड धरोहर अधिनियम में ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण का प्रयास किया जा रहा है। उनमें अल्मोड़ा जेल, जहां जवाहर लाल नेहरु को बंद किया गया था,नैनीताल में औपनिवेशिक काल के राजभवन, ऐतहासिक रजवाड़े, पेड़, पर्यावरण महत्व के प्राकृतिक क्षेत्र आदि शामिल है।
उन्होंने बताया कि उसका लक्ष्य ऐसे धरोहर भवनों एवं स्थलों का संरक्षण शामिल है जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान के केंद्रीय कानून या वर्तमान सरकारी नीतियों में शामिल नहीं है। राज्य के संस्कृति विभाग ने इस कानून का मसौदा तैयार किया है और उसपर लोगों से सुझाव मांगे हैं। संस्कृति विभाग की निदेशक बीना भट्ट ने कहा, ‘‘(धरोहर कानून का) मसविदा तैयार है और उसे शीघ्र ही मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।’’ इस प्रस्तावित कानून के तहत संरक्षण पाने वाले भवनों एवं स्थलों को धरोहर करार दिया जाएगा तथा उसके इर्द-गिर्द विकास गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी।