Edited By Monika Jamwal,Updated: 04 May, 2019 01:34 PM
जहां नई दिल्ली में सरकारी स्कूल उदाहरण पेश करने में लगे हुये हैं वहीं जम्मू कश्मीर में स्कूलों की हालत बद से बदत्तर होती जा रही है।
जम्मू : जहां नई दिल्ली में सरकारी स्कूल उदाहरण पेश करने में लगे हुये हैं वहीं जम्मू कश्मीर में स्कूलों की हालत बद से बदत्तर होती जा रही है। मारवाह में एक ऐसा स्कूल है जो सरकार की मेहरबानी और कृपादृष्टि की बाट जोह रहा है। इस स्कूल में करीब 107 छात्र हैं जबकि स्कूल में सिर्फ दो कमरे हैं। इन दो कमरों में से भी एक कमरा स्टॉफ रूम है।
स्थानीय लोगों के अनुसार नवापच्ची के मारवाह का यह स्कूल 1962 में बनाया गया था। दशकों के बाद भी इसकी हालत में कोई सुधार नहीं है। हर वर्ष बच्चों की संख्या स्कूल में बढ़ती है पर स्कूल का आकार नहीं बढ़ा। हैरानगी की बात है कि जहां आंगनवाड़ी केन्द्र भी एक कमरे में चलते हैं वहीं दसवीं तक के स्कूल में दस कक्षाओं के लिए सिर्फ एक कमरा है।
स्कूल में सात शिक्षक हैं। यही सात शिक्षक दसवीं तक की कक्षाओं की पढ़ाते हैं। बारिश हो जाए तो एक कमरे के स्कूल को बंद कर दिया जाता है और बच्चों को छुट्टी कर दी जाती है। लोगों ने संबंधित विभाग से इस बारे में कई बार अपील की है पर उनकी सुनवाई नहीं हो पा रही है।
जब इस बारे स्कूली शिक्षा निदेशक अनुराधा गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा, मैं व्यक्तिगत तौर पर इस मामले को देखुंगी और इस बात की कोशिश करूंगी कि बच्चों को परेशान न होना पड़े।