Edited By Pardeep,Updated: 22 Jul, 2019 04:09 AM
ब्लू व्हेल गेम के जुनून में आकर उत्तराखंड निवासी 10वीं की छात्रा ने घर छोड़ दिया और 17 दिनों तक इधर-उधर घूमती रही। इसी बीच वह दिल्ली पहुंची, जहां कमला मार्केट में टहलने के दौरान पुलिसकर्मियों को उस पर शक हुआ तो उन्होंने छात्रा से पूछताछ की। जिसके...
नई दिल्ली: ब्लू व्हेल गेम के जुनून में आकर उत्तराखंड निवासी 10वीं की छात्रा ने घर छोड़ दिया और 17 दिनों तक इधर-उधर घूमती रही। इसी बीच वह दिल्ली पहुंची, जहां कमला मार्केट में टहलने के दौरान पुलिसकर्मियों को उस पर शक हुआ तो उन्होंने छात्रा से पूछताछ की। जिसके बाद उसका भेद खुल गया और पुलिस ने फोन नंबर लेकर छात्रा के परिजनों से बात की और उन्हें दिल्ली बुलाकर उसे उनके हवाले कर दिया।
डीसीपी मंदीप सिंह रंधावा ने बताया कि उत्तराखंड के पंतनगर निवासी 16 वर्षीय छात्रा 1 जुलाई को घर से अचानक लापता हो गई थी। वह मोबाइल पर गेम खेलती थी। उससे प्रेरित होकर उसने घर छोड़ दिया। गत एक पखवाड़े में वह ऋषीकेश, हरिद्वार, उदयपुर, जयपुर, अहमदाबाद और पुणे होती हुई दिल्ली पहुंची। जहां नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास 18 जुलाई की रात टहल रही थी। तभी शक होने पर पुलिस की पेट्रोलिंग टीम ने उससे पूछताछ की। उसने बताया कि उसका भाई एम्स में मेडिकल का छात्र है। वह उससे मिलने दिल्ली आई है। लेकिन पुलिस को उसकी कहानी पर शक हुआ। जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने उससे घर और स्कूल का फोन नंबर मांगा। बाद में पुलिस ने छात्रा के दिए फोन नंबर पर कॉल किया तो सच्चाई का पता चला।
पुलिस को बताया गया कि वह घर से 17 दिनों से गायब है। जिसके बाद उसके परिजनों को दिल्ली बुलाया गया। छानबीन में पता चला कि लड़की दक्षिण कोरियाई 3-डी मोबाइल ड्राइविंग गेम टैक्सी ड्राइवर-2 खेलती थी और उसके प्रभाव में आकर वह घर से भाग गई। घर छोड़ते वक्त उसके पास 14 हजार रुपए थे। वह अपनी मां के मोबाइल फोन पर गेम खेलती थी। गेम में अचानक से गंतव्य का चुनाव करना होता था। घर छोडऩे के बाद सपना लगातार यात्रा कर रही थी। वह रात में यात्रा करती थी और दिन में शहरों में घूमती थी। परिजनों के मुताबिक उनकी बेटी अंतर्मुखी है और अपना ज्यादातर समय घर में वीडियो गेम खेलने में बिताती थी। उधर कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद पुलिस ने छात्रा को उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया। परिजन उसे लेकर पंत नगर रवाना भी हो चुके हैं।