Edited By Pardeep,Updated: 20 Nov, 2019 12:59 AM
बीरभूम जिले में शांतिनिकेतन के पास स्थित एक अंग्रेजी माध्यम मिशनरी स्कूल में कई छात्राओं को सिर्फ इसलिए लेगिंस उतारने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि उसके रंग स्कूल की वर्दी के साथ मेल नहीं खा रहे थे। घटना सोमवार की है लेकिन सामने उस समय आई जब मंगलवार...
बोलपुरः बीरभूम जिले में शांतिनिकेतन के पास स्थित एक अंग्रेजी माध्यम मिशनरी स्कूल में कई छात्राओं को सिर्फ इसलिए लेगिंस उतारने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि उसके रंग स्कूल की वर्दी के साथ मेल नहीं खा रहे थे। घटना सोमवार की है लेकिन सामने उस समय आई जब मंगलवार सुबह अभिभावकों ने स्कूल के सामने इकट्ठा हो इसका विरोध करना शुरू कर दिया।
अभिभावकों ने आरोप लगाया कि सोमवार को पांच से नौ वर्ष की बच्चियां सुबह ठंड होने के कारण स्कूल लेगिंस पहनकर गई थीं लेकिन प्रधानाचार्य और अन्य शिक्षकों ने उसके वर्दी से मेल ना खाने के कारण उसे उतरवा दिया। छात्रा के पिता ने कहा, ‘‘ मेरी बेटी सोमवार दोपहर जब वापस आई तो मैंने देखा कि उसने लेगिंस नहीं पहनी है। पूछने पर उसने बताया कि शिक्षक ने उसे उतरवा दिए।''
स्कूल की प्रधानाचार्य सिस्टर अर्चना फर्नांडीज ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि यह छात्रों को अपनी लेगिंस उतारने के लिए मजबूर करने की घटना नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘‘ छात्रों को केवल लेगिंस देने को कहा था क्योंकि वे स्कूल की वर्दी से मेल नहीं खा रही थी।'' एक वरिष्ठ शिक्षक ने कहा, ‘‘ छात्रों को केवल लेगिंस उतारने के लिए कहा गया था, किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की गई।''
पश्चिम बंगाल शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘‘ हमने कथित घटना को गंभीरता से लिया है।'' उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा विभाग से भी स्कूल अधिकारियों से इसपर रिपोर्ट मांगने को कहा है। चटर्जी ने कहा, ‘‘ रिपोर्ट मिलने के बाद मैं सुनिश्चित करूंगा कि उचित कार्रवाई की जाए। हम आईसीएसई बोर्ड से भी इस संबंध में बात करेंगे।''