Edited By Tanuja,Updated: 11 Nov, 2020 10:57 AM
लद्दाख में सीमा विवाद और तनाव के बीच भारत का कड़ा स्टैंड देख कर चीन बैकफुट पर नजर आने लगा है । मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन ...
बीजिंगः लद्दाख में सीमा विवाद और तनाव के बीच भारत का कड़ा स्टैंड देख कर चीन बैकफुट पर नजर आने लगा है । मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO Summit) के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि SCO के देशों को अपने आपसी विवादों और मतभेदों को बातचीत और परामर्श के माध्यम से हल करने चाहिए। जिनपिंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उपस्थिति में कहा कि शंघाई सहयोग संगठन को आगे बढ़ाने और एकजुटता, सहयोग को गहरा करने के लिए सदस्य देशों को आगे आना चाहिए।
लद्दाख में मई से शुरू हुए भारत-चीन सीमा विवाद के बाद यह पहला ऐसा मौका था जब पीएम मोदी और शी जिनपिंग किसी बैठक में एक साथ शामिल हुए। हालांकि इस बैठक से इतर दोनों देशों के बीच कोई अन्य बातचीत नहीं हुई। लद्दाख में तनाव कम करने के लिए भारत और चीन की सेनाओं के बीच सैन्य स्तर की 8 दौर की बातचीत हो चुकी है जिनका जमीनी स्तर पर कोई प्रभाव देखने को नहीं मिला है। जिनपिंग ने SCO की बैठक में कहा कि हमें एकजुटता और आपसी विश्वास को गहरा करना चाहिए और विवादों और मतभेदों को बातचीत और परामर्श के माध्यम से हल करना चाहिए, ताकि SCO विकास के लिए राजनीतिक नींव को मजबूत किया जा सके। कोरोना वायरस महामारी का जिक्र करते हुए जिनपिंग ने कहा कि इस महामारी ने अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में बदलाव ला दिया है।
बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमा विवाद को लेकर चीन पर इशारों इशारों में निशाना साधा। उन्होंने चीन का नाम लिए बिना कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि SCO सदस्य देश एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें। भारत के शंघाई सहयोग संगठन देशों के साथ मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध हैं। भारत का मानना है कि कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए आगे बढ़ें।
इस दौरान जिनपिंग ने भविष्य को लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि कोरोना महामारी के कारण दुनिया अशांति और परिवर्तन के दौर में प्रवेश कर रही है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अब बहुसंख्यकवाद और एकतरफावाद, खुलेपन और एकांत के बीच होने वाले विकल्पों का सामना कर रहा है। दुनिया भर में लोग एक बेहतर जीवन के लिए बढ़ रहे हैं। शांति, विकास, सहयोग और पारस्परिक लाभ की ओर बढ़ने से ही हमें जीत मिलेगी।