Edited By Seema Sharma,Updated: 25 Sep, 2018 02:28 PM
दिल्ली में सीलिंग के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद मनोज तिवारी को एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
नई दिल्लीः दिल्ली में सीलिंग के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद मनोज तिवारी को एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। तिवारी आज खुद कोर्ट के सामने पेश हुए थे। कोर्ट ने भाजपा नेता से कहा कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। कोर्ट ने तिवारी को फटकार लगाते हुए कहा कि सांसद होने का मतलब यह नहीं कि वे कानून अपने हाथ में ले सकते हैं। वहीं, पीठ ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि आपने सीलिंग के मुद्दे पर एक न्यूज चैनल से बातचीत में दावा किया था कि 1000 संपत्तियां ऐसी हैं, जो सील होनी चाहिए। आप सूची दें, हम आपको सीलिंग अधिकारी बना देंगे। कोर्ट ने कहा कि तिवारी एक हफ्ते में इसकी जानकारी हलफनामे के जरिए दें। अब इस मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी। कोर्ट ने अगली सुनवाई में भी तिवारी को पेश होने को कहा।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने तिवारी के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया था। उल्लेखनीय है कि राजधानी के गोकुलपुरी इलाके में सीलिंग तोड़ने के मामले में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर ने मंगलवार को बताया कि निगम की ओर से मिली लिखित शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 तथा दिल्ली नगर निगम अधिननियम की धारा (डीएमसी एक्ट) 462 और 465 के तहत गोकलपुरी थाने में मामला दर्ज किया गया है।