Edited By Monika Jamwal,Updated: 03 Oct, 2018 05:31 PM
आमतौर पर चुनावों की आहट पाते ही उम्मीदवार अपने प्रचार-प्रसार में जोर-शोर से जुट जाते हैं। घर-घर जा कर लोगों से अपने पक्ष में वोट डालने की अपील करते हैं।
श्रीनगर : आमतौर पर चुनावों की आहट पाते ही उम्मीदवार अपने प्रचार-प्रसार में जोर-शोर से जुट जाते हैं। घर-घर जा कर लोगों से अपने पक्ष में वोट डालने की अपील करते हैं। उनका चुनावी क्षेत्र उनके नाम और तस्वीरों से रंगीन हो जाता है, लेकिन जम्मू कश्मीर में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। दरअसल कश्मीर में आगामी 8 अक्टूबर से स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मतदान होना है, लेकिन अन्य चुनावों की तरह कश्मीर में न तो कोई चुनावी रैली का आयोजन हो रहा है, न ही कोई डोर-टू-डोर कैंपेन किया जा रहा है। यहां तक की उम्मीदवारों के नाम तक का भी खुलासा नहीं हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि दक्षिणी कश्मीर के इलाकों में तंग माहौल के चलते कई सुरक्षा कारणों से उम्मीदवारों की पहचान गुप्त रखी गई है। उनका कहना है कि उम्मीदवारों की जानकारी सार्वजनिक करना उन्हें खतरे में डाल सकता है।
मालूम हो कि अब तक, 851 उम्मीदवारों ने घाटी में 598 वार्डों और 40 नगर पालिकाओं के लिए नामांकन पत्र दायर किए हैं। जम्मू-कश्मीर में 79 नगरपालिका निकायों में 1145 सीटें हैं और कुल 3005 उम्मीदवार मैदान में हैं। हालांकि राज्य की दो बड़ी पार्टियां पी.डी.पी. और नेशनल कॉन्फ्रेंस चुनावों का बहिष्कार कर रही हैं जबकि भाजपा, कांग्रेस और सज्जाद लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस मैदान में हैं। घाटी में 598 वार्डों में से 172 वार्डों पर एक भी नॉमिनेशन दर्ज नहीं हो सका है। वहीं 190 वार्डों में एक ही उम्मीदवार है। घाटी में 40 नगर पालिकाओं में से कम से कम 21 नगरपालिका निकायों में कोई मतदान नहीं होगा। हालांकि, श्रीनगर नगर निगम के 74 वार्डों पर कड़ी प्रतियोगिता होगी। अधिकारियों के मुताबिक 310 उम्मीदवारों ने श्रीनगर के वार्डों के लिए नामांकन पत्र दाखिल किए हैं।
जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलीन काबरा ने बताया कि नामांकन की आखिरी तारीख के बाद रिटर्निंग अधिकारियों को अपने कार्यालयों के बाहर नोटिस बोर्डों पर उम्मीदवारों की जानकारी लगाना अनिवार्य है। हालांकि कई रिटर्निंग अधिकारियों का मानना है कि उम्मीदवारों की जानकारी जारी करने से उनकी जान खतरे में आ सकती है। जबकि कई रिटर्निंग अधिकारियों ने सुरक्षित इलाकों में उम्मीदवारों की जानकारी सार्वजनिक की है। लेकिन कई इलाकों में सुरक्षा की दृष्टि से उम्मीदवारों का नाम और जानकारी गुप्त रखी गई है।