Edited By Yaspal,Updated: 02 Dec, 2021 12:46 AM
पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट (SII) ने भारत में बूस्टर डोज के रूप में कोवीशील्ड वैक्सीन के लिए DCGI से अनुमति मांगी है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने देश में वैक्सीन के पर्याप्त स्टॉक और नए कोरोना वायरस वैरिएंट के उभरने की...
नेशनल डेस्कः पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट (SII) ने भारत में बूस्टर डोज के रूप में कोवीशील्ड वैक्सीन के लिए DCGI से अनुमति मांगी है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने देश में वैक्सीन के पर्याप्त स्टॉक और नए कोरोना वायरस वैरिएंट के उभरने की आशंका के चलते बूस्टर शॉट की मांग का हवाला दिया है।
एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार प्रकाश कुमार सिंह ने मंगलवार को आवेदन में कहा कि दुनिया महामारी को देखते हुए कई देशों ने कोरोना टीकों की बूस्टर खुराक देना शुरू कर दिया है। हमारे देश के लोगों के साथ-साथ अन्य देशों के नागरिक जिन्हें पहले ही कोविशील्ड की दो खुराक दी जा चुकी है, वे भी लगातार बूस्टर खुराक के लिए हमारी फर्म से अनुरोध कर रहे हैं।आप जानते हैं कि अब हमारे देश में कोविशील्ड की कोई कमी नहीं है और महामारी और नए वैरिएंट को देखते हुए वैक्सीन की बूस्टर डोज की मांग दिन-पर-दिन बढ़ती जा रही है।
देश के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (DCGI) को दिए आवेदन में सीरम इंस्टीट्यूट के नियामक मामलों के डायरेक्टर प्रकाश कुमार सिंह ने बताया कि ब्रिटेन की मेडिकल रेगुलेटरी ने एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन की बूस्टर खुराक को पहले ही मंजूरी दे दी है। ऐसे में भारत में भी कंपनी के वैक्सीन को मंजूरी देनी चाहिए।
इससे पहले कंपनी के CEO अदार पूनावाला ने मंगलवार को कहा था कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से निपटने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड का बूस्टर डोज बना सकता है। पूनावाला ने कहा था- ओमिक्रॉन पर स्टडी की जा रही है। इस पर और जानकारी मिलने में अभी 2 हफ्ते का समय लगेगा। ऑक्सफोर्ड के साइंटिस्ट्स भी नए वैरिएंट पर रिसर्च कर रहे हैं। उनके रिजल्ट्स के आधार पर हम नई वैक्सीन ला सकते हैं, जो 6 महीने के अंदर बूस्टर डोज के तौर पर लगाई जा सकेगी। रिसर्च के परिणाम सामने आने के बाद तीसरी और चौथी डोज के बारे में भी जानकारी मिल सकती है।