Edited By Seema Sharma,Updated: 30 Aug, 2018 02:12 PM
मद्रास हाई कोर्ट ने नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को सख्त आदेश देते हुए कहा है कि वह अपने सभी टोल प्लाजा पर वीआईपी और मौजूदा जजों के लिए एक अलग से एक्सक्लूसिव लेन बनाए, नहीं तो उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
चेन्नईः मद्रास हाई कोर्ट ने नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को सख्त आदेश देते हुए कहा है कि वह अपने सभी टोल प्लाजा पर वीआईपी और मौजूदा जजों के लिए एक अलग से एक्सक्लूसिव लेन बनाए, नहीं तो उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। जस्टिस हुलुवाडी जी रमेश और जस्टिस एमवी मुरलीधरन की डिवीजन बेंच ने कहा कि यह बहुत ही शर्म की बात है कि टोल प्लाजा पर वीआईपी और जजों को इंतजार करना पड़ता है और अपना आईडी कार्ड दिखाना पड़ता है। बेंच ने कहा कि अगर NHAI ने कोर्ट के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया तो उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा और उन्हें कोर्ट की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
कोर्ट ने कहा कि केंद्र और NHAI दोनों ही इस मामले में गंभीर नहीं है कि जजों को टोल प्लाजा पर 10-15 मिनट तक इंतजार करना पड़ता है। बेंच ने कहा कि हर टोल प्लाजा पर एक अलग से वीआईपी लेन तैयार की जाए और यह टोल कलेक्टर की जिम्मेदारी होगी कि वह उस लेन से वीआईपी और जज के अलावा किसी और को गुजरने न दें। अगर को जानबूझ कर और जो भी इस नियमों का उल्लंघन करता है तो टोल कलेक्टर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकता है।