Edited By vasudha,Updated: 21 May, 2020 12:26 PM
जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के नवाकदल इलाके में 19 मई को हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 2 आंतकियों को मार गिराया था। इनमें से एक जुनैद अशरफ खान है, जिसके पिता अशरफ सेहराई खान है जोे मौजूदा समय में हुर्रियत के चैयरमेन हैं। इससे साफ हो गया है कि घाटी में...
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के नवाकदल इलाके में 19 मई को हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 2 आंतकियों को मार गिराया था। इनमें से एक जुनैद अशरफ खान है, जिसके पिता अशरफ सेहराई खान है जोे मौजूदा समय में हुर्रियत के चैयरमेन हैं। इससे साफ हो गया है कि घाटी में आतंकवाद को अलगाववाद के समर्थन था।
सेहराई खान का सबसे छोटा बेटा था जिसने आतंकवाद की राह पकड़ ली थी और वो हिज़्बुल मुजाहिदीन के डिवीज़नल कमांडर भी था। दरअसल महबूबा मुफ़्ती ने अलगाववादी नेताओं का समर्थन करती रही है। मुख्यमंत्री रहते हुए भी व केंद्र पर दबाव डालती थी जब भी कश्मीर घाटी से आतंकवाद पर बात हो तो अलगाववादी नेताओं को भी शामिल किया जाए। अब सेहराई के मारे जाने के बाद यह बात तो साफ़ हो गई है अलगाववाद ही आतंकवाद की जननी है।
बता दें कि 19 मई को जुनैद सेहराई और तारीख अहमद शेख सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए थे। इनमें से तीसरा आतंकी सैफुल्लाह गोली लगने के बाद वहां से भाग निकला था और अब एक जिसका वीडियो बाद में सामने आया है। यह तीनो आतंकी इसी इलाके में मीटिंग करने आये थे जिसकी जानकारी मिलते ही सुरक्षाबलों ने उन्हे घेर लिया।