Edited By Monika Jamwal,Updated: 13 Jul, 2018 09:06 PM
कश्मीर घाटी में शुक्रवार को अलगाववादियों द्वारा आहूत रैली को पुलिस ने नाकाम कर दिया।
श्रीनगर : कश्मीर घाटी में शुक्रवार को अलगाववादियों द्वारा आहूत रैली को पुलिस ने नाकाम कर दिया। श्रीनगर सहित घाटी के प्रमुख शहरों में सुरक्षा को बढ़ा दिया गया जबकि प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और हड़ताल से आम जनजीवन अस्त व्यस्त रहा। वहीं, हुरियत कन्फ्रेंस(एम) चेयरमैन मीरवायज उमर फारुक को पुलिस ने उस समय हिरासत में ले लिया जब उन्होंने पुराने शहर के नकश्बंदसाहिब इलाके में शहीदी कब्रिस्तान की ओर मार्च करने की कोशिश की। हुरियत कान्फ्रेंस (जी) सैयद अली शाह गिलानी नजरबंद रहे जबकि जे.के.एल.एफ. प्रमुख यासीन मलिक पहले से पुलिस हिरासत में हैं। उधर, उतर कश्मीर में कुपवाडा जिला के त्रेहगाम इलाके में आज जुमा नमाज के बाद सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुई। हालांकि, किसी भी तरह के हताहत की जानकारी नहीं है।
बता दें कि सैयद अली शाह गिलानी, मीरवायज उमर फारुक और यासीन मलिक के संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जे.आर.एल.) ने आज श्रीनगर में नौहट्टा के पास ‘शहीदी कब्रिस्तान’ तक मार्च का आह्वान किया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियाती उपाय के रूप में पूरे श्रीनगर शहर में प्रशासन ने प्रतिबंध लगाए दिए। कश्मीर के बाकी हिस्सों में भारतीय दंड संहिता की धारा 144 के तहत चार या अधिक लोगों के एक जगह एकत्र होने पर पाबंदी है। अधिकारी ने बताया कि घाटी के शेष इलाके में चार या अधिक लोगों के एकत्र होने पर अभी भी प्रतिबंध लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि घाटी के कुछ हिस्सों में कल ताजा हिंसा को देखते हुए आज लोगों की गतिविधियों पर कुछ प्रतिबंध बढ़ाया गया था। स्कूल, कॉलेज, व्यापारिक प्रतिष्ठान, पेट्रोल पंप, बैंक और निजी कार्यालय बंद हैं जबकि सार्वजनिक परिवहन सडक़ों पर नजर नहीं आ रहे।
पांच थानाक्षेत्रों में प्रतिबंध
अधिकारियों ने बताया कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए एहतियात के तौर पर खानयारए महारागुंजए नौहट्टाए रैनावारी और सफाकदल में पाबंदियां लगाई गई हैं। अलगाववादियों ने नक्शबंद साहिब मजार पर ‘शहीदी कब्रिस्तान’ में 22 लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए मार्च का आह्वान किया था। ये 22 लोग आज के ही दिन 1931 में डोगरा सैनिकों की गोलीबारी में मारे गए थे।
घर से गिरफ्तार किये गये मीरवायज
अधिकारी ने बताया कि फारूक को शहर के नगीन इलाके में उनके घर के बाहर से हिरासत में ले लिया गया और स्थानीय थाने ले जाया गया। उन्होंने बताया कि उमर को एहतियाती हिरासत में लिया गया है, क्योंकि पुराने शहर में उनकी मौजूदगी से उनके समर्थकों द्वारा हिंसा करने की आशंका है। 13 जुलाई 1931 को डोगरा महाराजा हरि सिंह के शासन के खिलाफ लोग प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान उनके सैनिकों की गोलीबारी में 22 व्यक्तियों की मौत हो गई थी।