सरकार के फैसले से नाखुश रेस्तरां असोसिएशन, कहा- सर्विस चार्ज नहीं देना तो ग्राहक न खाएं खाना

Edited By ,Updated: 03 Jan, 2017 02:59 PM

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केंद्र सरकार ने कल एेलान किया था कि अगर उपभोक्ता होटल या रेस्तरां की सर्विस से खुश नहीं हैं

नई दि्ल्लीः केंद्र सरकार ने कल एेलान किया था कि अगर उपभोक्ता होटल या रेस्तरां की सर्विस से खुश नहीं हैं तो वह सर्विस चार्ज देने के लिए मना कर सकते हैं। लेकिन नैशनल रेस्तरां असोसिएशन अॉफ इंडिया (एनआरएआई) ने इसके खिलाफ अपना पक्ष रखने के लिए कानूनी सहारा लेने का संकेत दिया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि उपभोक्ताओं को अगर सर्विस चार्ज नहीं चुकाना है तो वे होटल या रेस्तरां में खाना नहीं खाएं। सरकार ने इससे पहले संसद में साफ किया था कि प्रशासन उन होटल मालिकों के खिलाफ कार्यवाही कर सकते हैं जो बिना उपभोक्ताओं को बताए सर्विस चार्ज लेते हैं। उनपर गलत तरीके से बिजनेस करने का आरोप लग सकता है।

सर्विस चार्ज लगाना मान्य तरीका
वहीं स्वतंत्र तौर पर रेस्तरां चेन का प्रतिनिधित्व करने वाली एनआरएआई ने कहा कि सर्विस चार्ज लगाना एक आम और मान्य तरीका है। एनआरएआई के अध्यक्ष रियाज अमलानी के मुताबिक, रेस्तरां के मेन्यू में साफ लिखा होता है कि कितना सर्विस चार्ज लगाया जाएगा। हम कोई गलत काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सर्विस चार्ज की रकम कर्मचारियों में ही बांट दी जाती है। 

उपभोक्ता खुशी से देते हैं सर्विस चार्ज
अलमानी के मुताबिक सर्विस चार्ज हटाने की जगह कई रेस्तरां उपभोक्ताओं से पूछ सकते हैं कि क्या वे सर्विस चार्ज चुकाना चाहते हैं और अगर नहीं तो वह एेसी जगह खाना खाएं जहां सर्विस चार्ज नहीं लिया जाता हो। वहीं एक रेस्तरां मालिक का कहना है कि अगर उपभोक्ता कहे कि रेस्तरां का सारा खाना अच्छा था लेकिन सलाद खराब, तो एेसी स्थिति में हम क्या करेंगे। जो भी हमें शिकायतें आती हैं वह ज्यादा टैक्स को लेकर आती हैं, सर्विस चार्ज की नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार ने टैक्स नहीं हटाए लेकिन सर्विस चार्ज हटा दिया जो उपभोक्ता खुशी से देते हैं।

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