Edited By vasudha,Updated: 18 Oct, 2019 10:45 AM
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में डेंगू धीरे-धीरे महामारी का रूप लेता जा रहा है। डेंगू से अबतक सात लोगों की मौत हो चुकी है और प्रतिदिन औसतन 15 लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अब तक 51 लोग डेंगू के शिकार बन चुके हैं जबकि 265...
औरंगाबाद: महाराष्ट्र के औरंगाबाद में डेंगू धीरे-धीरे महामारी का रूप लेता जा रहा है। डेंगू से अबतक सात लोगों की मौत हो चुकी है और प्रतिदिन औसतन 15 लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अब तक 51 लोग डेंगू के शिकार बन चुके हैं जबकि 265 संदिग्ध मामले सामने आ चुके हैं।
औरंगाबाद नगर निगम (एएमसी) की स्वास्थ्य इकाई ने डेंगू के प्रकोप को देखते हुए शहर और इसके आस-पास मरीजों की विशेष जांच की व्यवस्था की है। एएमसी के स्वास्थ्यकर्मियों ने पूरे शहर के एक लाख घरों को अपने स्वच्छता अभियान में शामिल किया है। डेंगू की घातक बीमारी ‘एडीस एजिप्टी' मच्छर के काटने से होती है, जो मिट्टी के बर्तन या भूमिगत टैंकों में एकत्रित साफ पानी में अंडे देती है।
स्वास्थ्य विभाग की 30 टीमों ने जब घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया तो डेंगू का पता चला। इसके बाद बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मियों और गैर सरकारी संगठनों के कार्यकर्ताओं को इस बारे में जानकारी एकत्र करने के काम में लगाया गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से बचने के लिए नागरिकों से एहतियाती कदम उठाने का अनुरोध किया है, जैसे पूरी बांह वाले कपड़े पहनना और रात में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करना आदि। विभाग ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे सप्ताह में एक बार सभी पानी भंडारण वाले बर्तनों को साफ करें और अपने घरों के पास छोटे स्थानों पर पानी का भंडारण न करें।