येती के बहाने शाह फैसल ने उड़ाया सेना और सर्जिकल स्ट्राइक का मजाक

Edited By Monika Jamwal,Updated: 01 May, 2019 06:16 PM

shah faesal mockery on army s yeti statement

सेना की ओर से मकालू बेस कैंप पर येती यानी हिममानव देखे जाने का दावा किया गया। अब सेना के इस दावे पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया हो रही है। इन प्रतिक्रियाओं में ही एक प्रतिक्रिया पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी शाह फैसल की भी है।

श्रीनगर : सेना की ओर से मकालू बेस कैंप पर येती यानी हिममानव देखे जाने का दावा किया गया। अब सेना के इस दावे पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया हो रही है। इन प्रतिक्रियाओं में ही एक प्रतिक्रिया पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी शाह फैसल की भी है। फैसल ने येती के बहाने सेना और बालाकोट हवाई हमले का मजाक उड़ाने की कोशिश की। फैसल ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। सूत्रों की ओर से कहा गया है कि सेना अपने विशेषज्ञों को श्विशाल पदचिन्हों की फोटो लेने और वीडियो बनाने के लिए भेजेगी। सेना की ओर से कहा गया था कि नौ अप्रैल को उसकी बाइकिंग टीम ने यह निशान देखे थे।

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सेना ने सोमवार को येती से जुड़ी जानकारी ट्वीट की थी। इसके बाद फैसल ने मंगलवार को ट्वीट किया। फैसल ने अपनी ट्वीट में लिखा कि पैरों के निशान देखकर लगता है कि येती का सिर्फ  एक पैर था। मानों वह अपना दूसरा पैर बालाकोट एयर स्ट्राइक में छोड़ आया है। फैसल आई.ए.एस. ऑफिसर थे और उन्होंने कुछ माह पहले रिटायरमेंट ले लिया है। पिछले महीने फैसल ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट लॉन्च की है। फैसल वर्ष 2009 में आई.ए.एस. के लिए नियुक्त  हुए थे। कश्मीर से आइएएस बनने वाले वह पहले आईएएस ऑफिसर थे। साल 2016 में वह पहली बार उस समय खबरों में आए थे जब हिजबुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी को एनकाउंटर में मारा गया। इसके बाद उनके हवाले से वानी के समर्थन में कुछ बातें ट्विटर पर लिखी गईं। 

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फैसल के ट्विटर हैंडल से पोस्ट इन बातों को लेकर काफी विवाद हुआ और उन्हें बयान देना पड़ा कि उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है। साथ ही शाह फैसल ने मीडिया से भी अनुरोध किया कि वे उन्हें प्रपोगेंडा का हिस्सा न बनाएं।   यह पहली घटना नहीं है जब इस तरह का कोई दावा किया गया है बल्कि पहले भी ऐसी बातें हुई हैं। अपनी ट्वीट में सेना ने बताया है कि उसकी माउंटेरियंग टीम ने करीब 35,15 इंच की साइज वाले पैरों के निशान बर्फ में देखे हैं। सेना की ओर से बताया गया है कि यह घटना नौ अप्रैल की है। सेना ने यह भी बताया है कि विशाल मानव के देखे जाने की घटना मकालू-बारून नेशनल पार्क में हुई है। ट्वीट के साथ सेना ने कई कुछ फोटोग्राफ्स भी पोस्ट की हैं।


मकालू बारून नेशनल पार्क नेपाल में हैं और सन् 1992 में इसकी स्थापना हुई थी। यह दुनिया का इकलौता ऐसा क्षेत्र है जो 8,000 मीटर की ऊंचाई पर है और जिसे प्रोटेक्ट करके रखा गया है। येती के बारे में कुछ भी कह पाना अभी मुश्किल है। इस बात का फैसला अभी तक दुनिया में कहीं नहीं हो सका है कि येती वाकई दुनिया में हैं या ये सिर्फ कहानियों का हिस्सा है। कई लोगों की ओर से दावा किया गया है कि उन्होंने विशाल हिममानव को देखा है। यह हिममानव बिल्कुल वनमानुष या गोरिल्ला जैसा नजर आता है, ऐसा कुछ लोगों का कहना है। अभी तक इन दावों को खारिज करने वाले तथ्य भी पेश नहीं किए जा सके हैं।

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