ममता की महारैली में फिसली शरद यादव की जुबान, 'राफेल' की जगह 'बोफोर्स' घोटाले पर बोले

Edited By Seema Sharma,Updated: 20 Jan, 2019 10:24 AM

sharad yadav speaks about bofors scam instead of rafale at mamata rally

आगामी लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी दलों को साथ लाने की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कवायद के तहत शनिवार को यहां आयोजित विशाल रैली में एक दर्जन से अधिक विपक्षी दलों के नेता एक मंच पर नजर आए

कोलकाताः आगामी लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी दलों को साथ लाने की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कवायद के तहत शनिवार को यहां आयोजित विशाल रैली में एक दर्जन से अधिक विपक्षी दलों के नेता एक मंच पर नजर आए और उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने की हुंकार भरी। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता की ओर से आयोजित इस रैली में शामिल होकर 20 से अधिक वरिष्ठ नेताओं ने अपनी एकजुटता प्रर्दिशत की।
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उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की ‘एक्सपायरी डेट’ (उपयोग करने की अवधि) खत्म हो गई है। इन नेताओं ने अपनी पार्टियों के बीच के मतभेद को दरकिनार करने का आह्वान करते हुए कहा कि वे चुनावों के बाद प्रधानमंत्री पद के मुद्दे पर फैसला कर सकते हैं। इसी बीच लोकतांत्रिक जनता दल नेता शरद यादव ने भी महारैली को मंच से संबोधित किया लेकिन इस दौरान उनकी जुबान फिसल गई जिससे महागठबंधन की किरकिरी हो गई।
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भाजपा ने शरद की इस गलती को झट से पकड़ लिया और उस पर खूब मजे भी लिए। दरअसल, ममता की रैली में संबोधित करने आए शरद यादव भाजपा को घेरने के चक्कर में कांग्रेस पर निशाना साध बैठे। यादव राफेल के जरिए भाजपा को घेरने वाले थे लेकिन वे राफेल घोटाले की जगह बोफोर्स घोटाले पर ही बोलने लगे। हालांकि जब उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि माफ कीजिएगा मैं राफेल की बात कर रहा था। भाजपा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इस वीडियो का एक हिस्सा शेयर भी किया है और लिखा कि महागठबंधन के मंच पर आखिर नेताओं की जुबान से निकला सच।
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शरद यादव ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र ने एक भी ऐसी संस्था नहीं छोड़ी जिसे नुकसान नहीं पहुंचाया। उन्होंने कहा कि देश खतरे में है और किसानों की हालत खराब है। देश को हर जगह से बर्बाद कर दिया गया है। केन्द्र के नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर के कदम ने देश को तबाह कर दिया है। यादव ने कहा कि केन्द्र ने दो करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने को वादा किया था लेकिन केन्द्र ने बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी ले ली है। उल्लेखनीय है कि ममता ने कोलकाता में महारैली का आयोजन किया था। इस महारैली का मकसद महागठबंधन का शक्ति प्रदर्शन करना था, हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मायावती ने इस रैली से दूरी बनाए रखी। अगली रैलियां नई दिल्ली और आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती में होंगी।

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