मिशेल के दावे चुनाव से पहले सोनिया-राहुल को घेरने की कोशिश का हिस्सा: शिवसेना

Edited By Anil dev,Updated: 02 Jan, 2019 04:45 PM

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शिवसेना ने बुधवार को आरोप लगाया कि अगस्ता वेस्टलैंड मामले में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के दावे, आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को घेरने का प्रयास हैं। केन्द्र और महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी...

मुंबई: शिवसेना ने बुधवार को आरोप लगाया कि अगस्ता वेस्टलैंड मामले में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के दावे, आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को घेरने का प्रयास हैं। केन्द्र और महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने आरोप लगाया कि राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ सरकारी तंत्र का दुरूपयोग किया जा रहा है। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की एक अदालत ने पिछले सप्ताह प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में मिशेल को अपने वकील से मिलने पर रोक लगा दी थी। अदालत ने यह कदम तक उठाया जब एजेंसी ने कहा कि मिशेल कानूनी सुविधा का दुरूपयोग करते हुए वकीलों को चिट दे रहा है और ‘‘श्रीमती गांधी’’ से संबंधित प्रश्नों से निपटने के बारे में राय मांग रहा है। 

प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है मामले की जांच
मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है। उसने मिशेल की हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए दिए गए अपने आवेदन में यह भी दावा किया था कि मिशेल ने पूछताछ के दौरान ‘‘एक इतालवी महिला के पुत्र’’ के बारे में बताया और यह भी कहा कि किस तरह वह देश का अगला प्रधानमंत्री बनने जा रहा है। शिवसेना ने अपने आरोप में कहा कि जब मिशेल का दुबई से प्रत्यर्पण हुआ था उस वक्त पांच राज्यों में चुनाव प्रचार चल रहा था और भाजपा खुद ही परेशान थी। पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ चुनावी रैलियों में इस बिचौलिए का जिक्र किया था और दावा किया था कि कुछ धमाकेदार खुलासे होंगे और वह किसी को भी नहीं बख्शेंगे। अब हमें समझ आ रहा है कि उनका इशारा किस ओर था।’’ उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी ने कहा कि मिशेल के खिलाफ जांच शुरू होने से पहले ही मोदी का गांधी परिवार की ओर संकेत करना हास्यास्पद है और इससे स्पष्ट है कि जांच की दिशा क्या है। 

मिशेल के प्रत्यर्पण के बावजूद हार गई BJP
मराठी प्रकाशन में कहा गया है ‘‘भाजपा मिशेल के प्रत्यर्पण के बावजूद हार गई। यह कहा जा सकता है कि ‘मिशन मिशेल’ का उद्देश्य ‘2019’ है।’’ संपादकीय में कहा गया है,‘‘सरकारी तंत्र दो चार लोगों के अधीन है और राजनीतिक विरोधियों को ठिकाने लगाने के लिए इसका दुरूपयोग किया जा रहा है।’’ इसमें कहा गया, ‘‘यह 2019 के चुनाव से पहले सोनिया गांधी और उनके बेटे को घेरने की कोशिश है और क्वात्रोची के बाद अब देश में मिशेल पुराण शुरू हो जाएगा।’’  सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में आए फैसले का जिक्र करते हुए संपादकीय में कहा गया है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और अन्य को क्लीनचिट इसलिए मिल गई क्योंकि सीबीआई ने अदालत में कहा कि एजेंसी पर बड़े भाजपा नेताओं का नाम लेने के लिए दबाव था। 


 

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