मध्यस्थता से हल नहीं होगा अयोध्या विवाद, अध्यादेश की जरूरत: शिवसेना

Edited By Anil dev,Updated: 09 Mar, 2019 04:00 PM

shiv sena ayodhya dispute supreme court uddhav thakre

शिवसेना ने शनिवार को कहा कि राम जन्मभूमि एक भावनात्मक मुद्दा है और इसे मध्यस्थता के जरिये हल नहीं किया जा सकता। पार्टी ने केंद्र से इस मुद्दे पर अध्यादेश लाने और राम मंदिर का निर्माण शुरू करने को कहा है। शिवसेना ने पूछा कि जब राजनेता, शासक और...

मुंबई: शिवसेना ने शनिवार को कहा कि राम जन्मभूमि एक भावनात्मक मुद्दा है और इसे मध्यस्थता के जरिये हल नहीं किया जा सकता। पार्टी ने केंद्र से इस मुद्दे पर अध्यादेश लाने और राम मंदिर का निर्माण शुरू करने को कहा है। शिवसेना ने पूछा कि जब राजनेता, शासक और सर्वोच्च न्यायालय अब तक इस मुद्दे को हल नहीं कर सके तो फिर ये तीन मध्यस्थ क्या करेंगे।  मध्यस्थता का एक और मौका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एफ एम आई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है जो अयोध्या में दशकों पुराने राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के संभावित हल की संभावना मध्यस्थता के जरिये तलाशने की कोशिश करेगी। आध्यात्मिक गुरु और ऑर्ट ऑफ लीविंग फाउंडेशन के संस्थापक श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पांचू भी इस समिति के सदस्य होंगे। 

PunjabKesari

शिवसेना ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने राम जन्मभूमि विवाद पर फैसला टाल दिया और अब इस मामले पर फैसला लोकसभा चुनाव के बाद ही होगा। पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में पूछा, एकमात्र सवाल यह है कि अगर इस मामले का मध्यस्थता से हल हो सकता तो फिर यह विवाद 25 सालों से क्यों चल रहा होता और सैकड़ों लोगों को क्यों अपनी जान गंवानी पड़ती?’’  इसमें कहा गया, देश के राजनेता, शासक और उच्चतम न्यायालय इस मामले को हल नहीं कर पाए और क्या मध्यस्थ अब ऐसा कर पाएंगे।’’ इसमें कहा गया, अगर इतने सालों में इस मुद्दे पर विरोधी पक्ष मध्यस्थता के लिये तैयार नहीं थे तो अब उच्चतम न्यायालय ऐसा क्यों कर रहा है? अयोध्या सिर्फ जमीन विवाद का मुद्दा नहीं है बल्कि यह भावनात्मक मुद्दा था। ऐसा अनुभव किया जा चुका है कि मध्यस्थता ऐसे संवेदनशील मामलों में कारगर नहीं होती।’’ 

PunjabKesari
‘सामना’ में उद्धव ठाकरे के नवंबर 2018 के अयोध्या में विवादित स्थल के दौरे का संदर्भ देते हुए कहा गया, च्च्लोग यह चाहते हैं कि केंद्र को एक अध्यादेश लाना चाहिए और राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू करना चाहिए। हमनें भी अयोध्या में यही बात कही थी।’’ शिवसेना ने पूछा, जिस तरह कश्मीर राष्ट्रीय पहचान और गर्व का मुद्दा है, राममंदिर भी हिंदू गर्व का मुद्दा है। लेकिन राम हिंदुस्तान में निर्वासन में हैं। अपनी 1500 वर्ग फुट जमीन के लिये, भगवान राम को मध्यस्थों से बात करनी होगी। अब भगवान भी कानूनी विवाद से नहीं बच सकते। इसके लिये किसे जिम्मेदार ठहराया जाए?’’     

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!