Edited By Anil dev,Updated: 24 Jan, 2019 03:37 PM
प्रियंका गांधी के औपचारिक तरीके से सक्रीय राजनीति में आने के बाद सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। राजनीति के बड़े- बड़े दिग्गज इसे कांग्रेस की ओर से चला हुआ ट्रंप कार्ड के तौर पर देख रहे हैं। इसी बीच बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना भी इससे कांग्रेस को...
नई दिल्ली: प्रियंका गांधी के औपचारिक तरीके से सक्रीय राजनीति में आने के बाद सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। राजनीति के बड़े- बड़े दिग्गज इसे कांग्रेस की ओर से चला हुआ ट्रंप कार्ड के तौर पर देख रहे हैं। इसी बीच बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना भी इससे कांग्रेस को फायदा पहुंचने की बात करार दे रही है। दरअसल बुधवार को राहुल गांधी ने प्रियंका को कांग्रेस पार्टी का महासचिव बनाया था। इसके साथ ही उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश का का प्रभारी भी नियुक्त किया गया। जिसके बाद कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं ने बयानबाजी करना शुरु कर दिया है। हालांकि कांग्रेस का ये फैसला एक बड़े कदम के रुप में देखा जा रहा है।
इंदिरा गांधी से मिलती जुलती हैं प्रियंका की विशेषताएं
शिवसेना का कहना है कि उनकी शख्सियत काफी अच्छी है। उनकी विशेषताएं पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस की दिग्गज नेता इंदिरा गांधी से मिलती जुलती हैं। जिसके चलते कांग्रेस को इसका सियासी फायदा जरुर मिलेगा। शिवसेना की प्रवक्ता मनीषा कायन्दे ने कहा, उनके अच्छे व्यक्तित्व, खुद को पेश करने के तरीके और मतदाताओं से जोडऩे के कौशल से कांग्रेस को फायदा होगा। उनमें उनकी दादी के गुण हैं। उन्होंने कहा, 'जब लोग वोट देने जाएंगे तो प्रियंका गांधी को देखकर उन्हें इंदिरा गांधी याद आएंगी।
शिवसेना करती आ रही है भाजपा पर हमला
गौरतलब है कि शिवसेना का बीजेपी के साथ गठबंधन होने के साथ ही काफी लंबे समय से सरकार पर हमला करती आ रही है। इसके अलावा बता दें कि शिवसेना के कई नेता बीजेपी के साथ गठबंधन तोडऩे को लेकर बयानबाजी कर चुके हैं। इसके बाद प्रियंका की तारीफ करने के बाद इस बात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।