Edited By Seema Sharma,Updated: 11 Nov, 2019 02:27 PM
महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सरकार बनाने की तैयारी में है। दरअसल रविवार को भाजपा ने साफ कर दिया कि उसके पास बहुमत नहीं है इसलिए वह सरकार नहीं बना सकती ऐसे में अब शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी तीनों दल मिलकर...
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सरकार बनाने की तैयारी में है। दरअसल रविवार को भाजपा ने साफ कर दिया कि उसके पास बहुमत नहीं है इसलिए वह सरकार नहीं बना सकती ऐसे में अब शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी तीनों दल मिलकर सरकार बनाने की ओर अग्रसर है। अब फैसला कांग्रेस के हाथ में है कि वो शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाएगी या नहीं। माना जा रहा है कि आज शाम तक इसको लेकर तस्वीर साफ हो सकती है। शिवसेना को समर्थन देना है या नहीं, इस पर फैसला करने के लिए कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने सोमवार को यहां एक बैठक की। सूत्रों ने बताया कि पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी ने अपने आवास पर पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक की अध्यक्षता की।
यह बैठक ऐसे वक्त में हो रही है जब कांग्रेस विधायकों ने संकेत दिया है कि वे राज्य में फिर से चुनाव कराने के पक्ष में नहीं हैं। महाराष्ट्र में कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायक फिलहाल जयपुर के एक रिजॉर्ट में ठहरे हुए हैं। महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेता अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चौहान और प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख बालासाहेब थोराट, अहमद पटेल समेत पार्टी के शीर्ष अधिकारियों के साथ इस बैठक में शिरकत की। दूसरी ओर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राकांपा चीफ शरद पवार से करीब 45 मिनट तक बैठक की।
बैठक में आदित्य ठाकरे और अजित पवार भी मौजूद रहे। अब शिवसेना और एनसीपी को कांग्रेस के जवाब का इंतजार है। कांग्रेस के जवाब के बाद ही घोषणा होगी कि महाराष्ट्र में किसी सरकार बन रही है। वहीं एनसीपी पहले ही कह चुकी है कि कांग्रेस जो फैसला लेगी वह उसके साथ है। बता दें कि 50-50 फार्मूले को लेकर अड़ी शिवसेना ने भाजपा के साथ दोस्ती खत्म करने का फैसला लिया।
शिवसेना आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाना चहती है। शिवसेना ने आरोप लगाया कि भाजपा अपने वादे से मुकर गई। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि अगर भाजपा महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का पद साझा करने के अपने वादे को पूरा करने की इच्छुक नहीं थी तो गठबंधन जारी रखने का कोई तुक नहीं था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल शिवसेना के एकमात्र मंत्री अरविंद सावंत ने सोमवार को केंद्र की राजग सरकार से इस्तीफा दे दिया।