सीटों के बंटवारे को लेकर अड़ी शिवसेना, सीएम पद के लिए भी ठोका दावा

Edited By Yaspal,Updated: 09 Jun, 2018 08:15 PM

shiv sena demands cm post for bjp with 152 seats in assembly

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुलाकात के बाद दोनों के रिश्तों में कोई सुधार नहीं होता दिख रहा है।

नेशनल डेस्कः भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुलाकात के बाद दोनों के रिश्तों में कोई सुधार नहीं होता दिख रहा है। बीजेपी के साथ अपने संबंधों में उतार-चढ़ाव के बीच शिवसेना ने अगले विधानसभा चुनाव के लिए 152 सीटों पर लड़ने की बात कही है। शिवसेना चाहती है कि राज्य की 288 सीटों में से वह 136 सीटें ही बीजेपी के लिए छोड़े ताकि वह ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत सके और मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा ठोक सके। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यह कदम शिवसेना की उस योजना का हिस्सा है, जिसके तहत वह प्रदेश में अपनी पार्टी का सीएम चाहती है। हालांकि बीजेपी इस मूड में नहीं है कि शिवसेना को प्राथमिकता दी जाए।

लोकसभा में साथ और विधानसभा में अकेले लड़ सकती है चुनाव
शिवसेना 2019 के लोकसभा चुनाव में 2014 के सीट शेयरिंग के फॉर्म्युले पर बीजेपी के साथ चुनाव में उतर सकती है, लेकिन सवाल यह है कि लोकसभा के बाद वह विधानसभा चुनाव में क्या करेगी। चुनावी विश्लेषकों के मुताबिक, शिवसेना लोकसभा चुनाव में अपनी ताकत आजमा लेने के बाद शिवसेना विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने का फैसला ले सकती है।

शुक्रवार को शिवसेना के एक नेता ने कहा “यह हमारे लिए बहुत बड़ी भूल होगी। यदि बीजेपी केंद्र की सत्ता में लौटती है तो फिर महाराष्ट में लोगों का मूड भी उसी के मुताबिक बदल जाएगा” ऐसे में बीजेपी से अलग होकर चुनाव में उतरना बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। बताया जा रहा है कि 6 जून को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच हुई मुलाकात में शिवसेना ने 152 सीट देने का प्रस्ताव रखा था। सूत्रों के मुताबिक शाह ने ठाकरे से कहा कि इस प्रस्ताव पर जल्द ही मुलाकात करेंगे और फिर सीटों के बंटवारे को लेकर किसी फॉर्म्युले पर चर्चा होगी।

बीजेपी ने नेताओं से अकेले लड़ने को तैयार रहने को कहा
वहीं पार्टी सूत्रों के मुताबिक विधानसभा चुनाव में बीजेपी शिवसेना को 130 से ज्यादा देने के मूड में नहीं है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी नेताओं, सांसदों और विधायकों से कहा है कि वह लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने के हिसाब से भी तैयारी करें। इसका कारण है कि बीजेपी नेतृत्व में अंतिम समय में शिवसेना के साथ बात बिगड़ने का भी संशय है।

शिवसेना के एक नेता ने कहा कि ठाकरे ने यह फॉर्म्युला महाराष्ट्र में पार्टी की ताकत को बढ़ाने के लिहाज से दिया है। उन्होंने कहा कि उद्धव जी ने अमित शाह से स्प्ष्ट कह दिया है कि विधानसभा चुनाव में गठबंधन के साथ तभी उतरा जा सकता है, जब बीजेपी शिवसेना को 152 सीटें देने पर तैयार हो जाएगी। सीटों को लेकर दोनों दलों के बीच कड़वाहट पैदा होने के बाद बीजेपी और शिवसेना 2014 में अलग-अलग चुनाव लड़े थे और फिर बाद में प्रदेश में गठबंधन कर सरकार बनाई थी।


 

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