लखीमपुर खीरी हिंसा पर शिवसेना ने की वरुण गांधी की तारीफ

Edited By Anu Malhotra,Updated: 11 Oct, 2021 04:00 PM

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शिवसेना ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर वरुण गांधी के रुख का समर्थन किया है। शिवसेना ने किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए भाजपा नेता वरुण गांधी के रुख को उचित ठहराते हुए कहा कि सभी किसान संगठनों को इस मामले में उनके रुख की प्रशंसा करते हुए एक...

मुंबई- शिवसेना ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर वरुण गांधी के रुख का समर्थन किया है। शिवसेना ने किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए भाजपा नेता वरुण गांधी के रुख को उचित ठहराते हुए कहा कि सभी किसान संगठनों को इस मामले में उनके रुख की प्रशंसा करते हुए एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए।


देश शत्रुता फैलाने की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं कर सकता
 शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना' में एक संपादकीय में सवाल किया कि क्या उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई ‘‘भयावह'' घटना को देखने के बाद भी क्या अन्य सांसदों का ‘‘खून ठंडा पड़ गया'' हैं? संपादकीय में कहा गया कि देश शत्रुता फैलाने की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं कर सकता। 

वरुण गांधी, इंदिरा गांधी (पूर्व प्रधानमंत्री) के पोते और संजय गांधी के बेटे हैं। लखीमपुर की भयावह घटना को देखने के बाद उनका खून खौल उठा और उन्होंने अपनी राय व्यक्त की। पार्टी ने कहा कि वरुण गांधी ने परिणाम की परवाह किए बिना राजनीतिक साहस दिखाया और किसानों की हत्या की निंदा की। 


शिवसेना ने कहा कि किसान नेताओं को वरुण गांधी की प्रशंसा करते हुए एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए। पार्टी ने कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ सहयोगी दलों शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस द्वारा आहूत ‘महाराष्ट्र बंद' उन लोगों के लिए है, जो खुलकर अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं कर सकते। वरुण गांधी ने रविवार को सचेत किया था कि लखीमपुर खीरी घटना को ‘हिंदू बनाम सिख की लड़ाई' में बदलने की कोशिश की जा सकती है।


उन्होंने कहा था कि इस प्रकार की मिथ्या दरारें पैदा करना और जिन जख्मों को भरने में पीढ़ियां लगी है, उन्हें फिर से हरा करना खतरनाक है। वरुण ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। वरुण ने कहा था कि लखीमपुर खीरी में न्याय के लिए संघर्ष गरीब किसानों की नृशंस हत्या को लेकर है और इसका किसी धर्म विशेष से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा था कि प्रदर्शनकारी किसानों को खालिस्तानी बताया जाना ना सिर्फ हमारी सीमाओं की सुरक्षा के लिए लड़ने और खून बहाने वाले तराई के महान सपूतों का अपमान है, बल्कि राष्ट्रीय एकता के लिए खतरनाक भी है।


गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में गत रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध करने के दौरान हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के एक विशेष जांच दल (SIT) ने हिंसा के सिलसिले में आशीष मिश्रा को शनिवार को करीब 12 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया।

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