राज्यपाल के सहारे महाराष्ट्र सरकार पर हमला करना विपक्षी पार्टी को पड़ गया महंगा: शिवसेना

Edited By Anil dev,Updated: 15 Oct, 2020 03:46 PM

shiv sena narendra modi amit shah bhagat singh koshyari

शिवसेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राजभवन की प्रतिष्ठता बरकरार रखना चाहते हैं तो महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को वापस बुला लेना चाहिए। पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में लिखे एक...

मुंबई: शिवसेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राजभवन की प्रतिष्ठता बरकरार रखना चाहते हैं तो महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को वापस बुला लेना चाहिए। पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में लिखे एक संपादकीय में 78 वर्षीय कोश्यारी पर जोरदार हमला बोला। राज्यपाल ने प्रार्थना स्थलों को खोलने को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था और पूछा था कि क्या शिवसेना नेता अचानक से धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं। संपादकीय में कहा गया है कि इस मुद्दे पर भाजपा का पर्दाफाश हो गया। उसमें कहा गया है कि राज्यपाल के सहारे महाराष्ट्र सरकार पर हमला करना विपक्षी पार्टी को महंगा पड़ गया। 

PunjabKesari

लेख में कहा गया है कि कोविड-19 के सुरक्षा प्रोटोकॉल के कड़ाई से पालन के साथ रेस्तरां खोले गए हैं लेकिन, मंदिर खोलने पर भीड़ होगी। अगर भाजपा चाहती है कि मंदिर फिर से खोले जाएं तो इसके लिए एक राष्ट्रीय नीति होनी चाहिए। पार्टी ने कहा कि देश में कई अहम मंदिर बंद हैं। संपादकीय में कोश्यारी के पत्र को लेकर मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया को सही ठहराते हुए कहा गया है कि इससे मंदिरों के देवताओं ने भी आनंदपूर्वक घंटानाद किया होगा। संपादकीय में कहा गया है कि यह घंटानाद प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह तक पहुंचा ही होगा, तब वे राजभवन की प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए राज्यपाल को वापस बुलाएंगे। कोश्यारी और ठाकरे के बीच वाक युद्ध चल रहा है।

PunjabKesari

दरअसल, राज्यपाल ने कोरोना वायरस की वजह से बंद प्रार्थना स्थलों को खोलने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था और पूछा था कि क्या वह अचानक से धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं । ठाकरे ने इसका जवाब देते हुए कहा था कि वह प्रार्थना स्थल खोलने के कोश्यारी के आग्रह पर विचार करेंगे लेकिन उन्हें मेरे हिंदुत्व के लिए राज्यपाल के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। वहीं भाजपा के कार्यकर्ताओं ने राज्य के अलग अलग शहरों में मंदिरों के बाहर उन्हें खोलने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। राकांपा प्रमुख शरद पवार भी मुख्यमंत्री व राज्यपाल के बीच के विवाद में कूद पड़े और कोश्यारी के पत्र में इस्तेमाल असंयमित भाषा को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को चिट्टी लिखकर हैरानी जताई।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!