Edited By Yaspal,Updated: 11 Apr, 2018 05:28 AM
भाजपा द्वारा राज्यसभा के उपसभापति पद का शिवसेना को दिए जाने का प्रस्ताव उसने ठुकरा दिया है। शिवसेना के इंकार के बाद बीजेपी अब इस पर नए सिरे से रणनीति तैयार करेगी। वहीं उपसभापति के पद को लेकर बीजेपी ने विकल्प खुला रखा है। रिश्तों में आई कड़वाहट को कम...
नेशनल डेस्कः भाजपा द्वारा राज्यसभा के उपसभापति पद का शिवसेना को दिए जाने का प्रस्ताव उसने ठुकरा दिया है। शिवसेना के इंकार के बाद बीजेपी अब इस पर नए सिरे से रणनीति तैयार करेगी। वहीं उपसभापति के पद को लेकर बीजेपी ने विकल्प खुला रखा है। रिश्तों में आई कड़वाहट को कम करने के लिए पार्टी ने यह प्रस्ताव शिवसेना के सामने रखा था।
उपसभापति पद के जरिए शिवसेना को मनाने की कोशिश
2014 के आम चुनाव जीतने के बाद भाजपा ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पद के लिए अपने सहयोगियों से हामी भरवाई। लोकसभा में उपाध्यक्ष का पद एनडीए के बाहर के दल एआईडीएमके को देने पर भी सहयोगियों का साथ लिया। वहीं सहयोगियों को इन पदों पर काबिज होने का मौका न मिलने से पार्टी ने उपसभापति पद के लिए शिवसेना को प्रस्ताव देकर नाराज चल रही शिवसेना को मनाने की कोशिश की।
सहयोगियों में से किसी को मिल सकता है मौका
पार्टी के एक नेता ने बताया कि हालांकि अभी चुनाव में देरी है, लेकिन शिवसेना के इंकार के बाद भी बीजेपी ने यह पद किसी सहयोगी को ही देने का विकल्प खुला रखा है। पार्टी चाहती है कि इस पद पर कांग्रेस को मौका न मिले। ऐसे में जदयू या फिर एआईडीएमके को मौका मिल सकता है।
द्विवार्षिक चुनाव के नतीजे आने के बाद उच्च सदन का गणित उलझा हुआ है। इस वक्त एनडीए के पास 108 सीटें और विपक्षी दलों की संख्या लगभग बराबर है। वहीं उपसभापति पद के चुनाव को लेकर सबकी निगाहें बीजद और टीएमसी जैसी पार्टियों पर होंगी।