Edited By ,Updated: 29 Jan, 2017 07:38 PM
महाराष्ट्र में नगर निगम के चुनाव में अकेले उतरने का निर्णय लेने के बाद शिवसेना ने एक बार फिर से भाजपा पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि ‘हिन्दुत्व’ और महाराष्ट्र की हितों की खातिर भगवा पार्टी के साथ गठबंधन करके उसने 25 साल का समय बर्बाद कर दिया।
मुंबई: महाराष्ट्र में नगर निगम के चुनाव में अकेले उतरने का निर्णय लेने के बाद शिवसेना ने एक बार फिर से भाजपा पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि ‘हिन्दुत्व’ और महाराष्ट्र की हितों की खातिर भगवा पार्टी के साथ गठबंधन करके उसने 25 साल का समय बर्बाद कर दिया। शिवसेना ने मुखपत्र सामना में लिखा कि भाजपा कभी हिंंदुत्व और अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनाने के नाम पर सत्ता में आई थी वही भाजपा अब महाराष्ट्र से उसे ही निष्कासित करने में लगी हुई है। अपने मुखपत्र के जरिए शिवेसना ने महाराष्ट्र सरकार के उस आदेश की भी आलोचना की है जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री ने किसी भी सरकारी आफिस, सरकार के किसी भी मंत्रालय में या स्कूल में भगवानाेें के चित्र न लगाने का आदेश जारी किया है।
इस आदेश का शिवसेना के मंत्रियों ने खुलकर विरोध किया है। संपादकीय में पार्टी को हीरा बताते है कहा गया है कि वह ऐसे लोगों की कंपनी नहीं है जो अपने ही राज्य के सम्मान को खा जाए और उसको पांव के नीचे कुचल कर रख दे। इसके कहा गया है कि छत्रपति शिवाजी ने हमेशा से ही कभी भी राजनीति नहीं की बल्कि हमेशा ही धर्म का साथ दिया उन्होंने हिंदु देवताओं को मुगलों से बचाने के लिए अपना सर्वस्व लुटा दिया लेकिन मौजूदा सरकार मुगलों की तरह ही काम कर रही है ओर शासन चला रही है। यह सरकार अपने ही देवताओं पर हमले कर रही है। शिवसेना ने भाजपा पर अपनी ‘धर्मनिरपेक्षता’ का दिखावा करने के लिए अलग जाने का भी आरोप लगाया और कहा कि अपना मकसद पूरा करने के लिए वह छत्रपति शिवाजी और लोकमान्य तिलक को भी ‘राष्ट्र विरोधी’ बताने में संकोच नहीं करेगी।
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में कहा गया है, ‘‘हमें लगता है कि हिन्दुत्व और राज्य के कल्याण के लिए हमने 25 साल दिए। लेकिन इन 25 सालों बर्बाद कर दिया। जो आज हुआ है क्या वह 25 साल पहले होना चाहिए था।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘25 सालों में पहली बार राज्य खुली सांस लेगा क्योंकि हिन्दुत्व के गर्दन पर बंधी रस्सी आखिरकार खुल गई है।’’ शिवसेना ने कहा, ‘‘भाजपा के साथ गठबंधन (2014) के विधानसभा चुनाव में अपने आप टूट गया है...यह हिन्दुत्व और महाराष्ट्र के लिए बना संबंध था लेकिन रुपया और ताकत के साथ सब कुछ जीतने के उनके बीमार इरादों के कारण भाजपा ने इसे समाप्त कर दिया।’’