Edited By Anil dev,Updated: 18 Jul, 2018 05:12 PM
शिवसेना ने उच्चतम न्यायालय के नजरिए का समर्थन करते हुए आज कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डाले जाने के खिलाफ कानून बनना चाहिए। पार्टी के मुखपत्र ‘ सामना ’ में कहा गया है कि जैसा कि कल शीर्ष अदालत ने सिफारिश की , इस तरह का कानून निश्चित रूप से...
मुंबई: शिवसेना ने उच्चतम न्यायालय के नजरिए का समर्थन करते हुए आज कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डाले जाने के खिलाफ कानून बनना चाहिए। पार्टी के मुखपत्र ‘ सामना ’ में कहा गया है कि जैसा कि कल शीर्ष अदालत ने सिफारिश की , इस तरह का कानून निश्चित रूप से फायदेमंद होगा। इसमें कहा गया कि बच्चा चोरी का संदेह भीड़ द्वारा ङ्क्षहसा का एकमात्र कारण नहीं है। संपादकीय में कहा गया कि त्रिपुरा , महाराष्ट्र , गुजरात , उत्तर प्रदेश , बिहार और कर्नाटक सहित देश के विभिन्न भागों में भीड़ द्वारा पीट - पीटकर हत्या की घटनाएं निरंतर जारी हैं। इसमें कहा गया कि पीड़ित के बच्चा चोर होने या गौकशी में शामिल होने का संदेह अकेले कारण नहीं हैं बल्कि उकसावे के अन्य कारण भी हैं।
संपादकीय में कहा गया कि एक सड़क दुर्घटना लोगों को नाराज करती है और अगर चालक पकड़ा जाता है तो उसे पीटा जाता है और वाहन में आग लगा दी जाती है। इसमें कहा गया कि अगर कोई मरीज इलाज के दौरान मर जाता है तो रिश्तेदार डॉक्टरों पर हमला कर देते हैं और अस्पताल में तोडफ़ोड़ करते हैं और इस तरह की घटनाओं के बाद कई बार डाक्टर हड़ताल पर जा चुके हैं। संपादकीय में कहा गया कि सरकार को उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए भीड़ द्वारा मार डाले जाने के खिलाफ कानून बनाना चाहिए। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के धुले जिले में इसी महीने बच्चा चोरी के संदेह में भीड़ के हमले में एक आदिवासी समुदाय के पांच सदस्यों की मौत हो गयी थी।