Edited By Seema Sharma,Updated: 17 Dec, 2018 08:30 AM
मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह की हार के कई कारण बताए जाते हैं। वैसे, चुनाव जीतने के लिए उन्होंने सबसे ज्यादा मेहनत की। उन्होंने कांग्रेस को जोरदार टक्कर दी और उनकी सत्ता भी बहुत कम मतों के अंतर से गई।
नेशनल डेस्कः मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह की हार के कई कारण बताए जाते हैं। वैसे, चुनाव जीतने के लिए उन्होंने सबसे ज्यादा मेहनत की। उन्होंने कांग्रेस को जोरदार टक्कर दी और उनकी सत्ता भी बहुत कम मतों के अंतर से गई। बसपा ने भी अलग से चुनाव लड़ा जो उनके हित में रहा। राज्य में चुनाव का तंत्र भी उनके साथ था और धन बल भी। बावजूद उनकी हार हुई। आखिर इसके पीछे क्या वजह रही? चौहान के बहुत से समर्थकों का मानना है कि उनकी सत्ता उज्जैन में सिंहस्थ के कुंभ के आयोजन की वजह से गई।
कुंभ का यह आयोजन 2016 में हुआ था। सिंहस्थ का कुंभ हर 12 साल पर लगता है। दरअसल, अभी तक यह देखा गया है कि जिस भी सरकार ने सिंहस्थ के कुंभ का आयोजन करवाया, वह सत्ता में नहीं रही। इसे सिंहस्थ का शाप कहा जा रहा है। कुंभ का शिकार होने वाली सरकारों की एक लंबी सूची है। कुंभ के आयोजन के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रविशंकर शुक्ल का 1956 में निधन हो गया। गोविंद नारायण सिंह (1968) और सुंदरलाल पटवा (1980 और 1992) की सत्ता भी कुंभ के आयोजन के बाद ही गई। उमा भारती (2004) भी सिंहस्थ कुंभ के शाप का शिकार बताई जाती हैं। शिवराज सिंह के कुछ शुभचिंतकों ने उन्हें कुंभ के आयोजन से दूरी बना कर रखने को कहा था, पर मुख्यमंत्री होते हुए वह ऐसा कैसे कर सकते थे।