Edited By ASHISH KUMAR,Updated: 24 May, 2018 12:10 PM
मध्यप्रदेश चुनावी समर की जीत के लिए बीजेपी व कांग्रेस ने अपनी चाल चलनी शुरु कर दी है। एक तरफ बीजेपी चौथी बार सत्ता में वापसी की कवायद कर रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के लगातार उपचुनावों में मिली जीत से हौसले बढ़े हुए हैं। यही कारण है कि बीजेपी...
आशीष पाण्डेय: मध्यप्रदेश चुनावी समर की जीत के लिए बीजेपी व कांग्रेस ने अपनी चाल चलनी शुरु कर दी है। एक तरफ बीजेपी चौथी बार सत्ता में वापसी की कवायद कर रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के लगातार उपचुनावों में मिली जीत से हौसले बढ़े हुए हैं। यही कारण है कि बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए 18 लाख कार्यकर्ताओं की फौज को मैदान में उतारा है। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीते तीन महीने से लगातार घोषणाओं की बौछार कर वोटरों को कमल के निशान पर बटन दबाने की सलाह देते नजर आ रहे हैं। इन घोषणाओं पर विपक्ष ने निशाना साधते हुए कहा कि लोगों को जन्म से लेकर शमशान तक की अफवाही योजनाओं दम पर ही सीएम की छाती 56 इंच की हो रही है। इसका जवाब आने वाले चुनाव में जनता जरूर देगी।
काम करेगी चाणक्य की कूटनीति
बीजेपी के चाणक्य अध्यक्ष अमित शाह के अब तक की चुनावी रणनीति पर गौर करें तो वो उनका चुनावी मैनेजमेंट काफी माइक्रो स्तर का होता है। सूत्रों की माने तो इस बार मध्यप्रदेश में चाणक्य के इसी माइक्रो मैनेजमेंट को बतौर रणनीति के तौर पर अपनाया गया है। आमतौर पर मतदाता सूची के एक पन्ने में 60 या उससे ज्यादा मतदाता होते हैं। मध्यप्रदेश में मतदाता सूची के एक पन्ने पर दो प्रभारी नियुक्त किए जाने की खबर है। इतना ही नहीं हर एक पन्ने पर दो प्रभारी के अलावा उनका साथ देने के लिए कार्यकर्ताओं के फौज की तैनाती की गई है।
सभी जिला प्रभारी को मिला फरमान
बीजेपी के आलाकमान द्वारा फरमान दिया गया है कि हर कार्यकर्ता अपने हिस्से के दस परिवार यानी तीस मतदाताओं से घर-घर जाकर उनसे संपर्क बनाए। आश्चर्य तो यह है कि
कार्यकर्ताओं को यहां तक फरमान मिला है कि मतदाताओं के सुख-दुख में साथ रहने में अगर किसी कार्यकर्ता कोई दिक्कत आती है तो वो पार्टी पदाधिकारी या विधायक-मंत्री से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान कराएगा। इसी कार्यकर्ता की जिम्मेदारी मतदाता को बूथ तक ले जाने की भी दी गई है। सभी जिलाध्यक्षों को इस बारे में परिपत्र भेज दिया है। 24 मई से पार्टी के बड़े नेताओं की ड्यूटी मंडलों में लगाई गई है जो मंडल के सारे नगर केंद्र, ग्राम केंद्र और बूथ समितियों में तैनात इन प्रभारियों की बैठक लेंगे। अगले चरण में 15 जून तक सभी पन्ना प्रभारियों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। सभी के मोबाइल नंबर जुटाकर पार्टी इन्हें वाट्सएप ग्रुप से सूचनाओं का आदान-प्रदान किए जाएंगे।
18 लाख कार्यकर्ताओं की फौज संभालेंगी बूथ
पूरे प्रदेश में भाजपा ने कार्यकर्ताओं को 30-30 मतदाताओं की जिम्मेदारी दी है। आमतौर पर ग्रामीण इलाकों में एक बूथ पर 1200 और शहरी क्षेत्रों में 1400 मतदाता होते हैं। इनमें एक पन्ने में 60 से लेकर 90-100 तक मतदाता आते हैं। भाजपा ने हर बूथ पर 30 से ज्यादा कार्यकर्ता तैनात किए हैं। प्रदेश में 65 हजार 200 बूथ हैं। इस आधार पर भाजपा 18 लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं की टीम के साथ बूथ समितियां संभालेगी। प्रत्येक विधानसभा में 250 से ज्यादा बूथ हैं। इनमें 24 मई तक कार्यकर्ताओं की नियुक्ति कर ली जाएगी। प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत का कहना है कि संगठन स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। जो इसी महीने पूरी कर ली जाएंगी।