Edited By ASHISH KUMAR,Updated: 17 Apr, 2018 03:12 PM
प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान का दावा है कि बाजार से 2000 रुपए के नोट गायब हो रहे हैं। जबकि उनका आरोप है कि इसके पीछे साजिश है। जबकि इस बारे में उन्होंने केंद्र सरकार से बात की है। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार इससे सख्ती से निपटेगी। किसान सम्मेलन...
मध्यप्रदेश (भोपाल): प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान का दावा है कि बाजार से 2000 रुपए के नोट गायब हो रहे हैं। जबकि उनका आरोप है कि इसके पीछे साजिश है। जबकि इस बारे में उन्होंने केंद्र सरकार से बात की है। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार इससे सख्ती से निपटेगी। किसान सम्मेलन में लोगों को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा, ‘नोटबंदी से पहले 15 लाख करोड़ रुपए की नगदी चलन में थी। इस प्रक्रिया ‘नोटबंदी’ के बाद यह बढ़कर 16 लाख 50 हजार करोड़ रुपए हो गई, लेकिन बाजार से 2000 का नोट गायब हो रहा है।’
गायब हुए 2 हजार के नोट
सीएम राज्य में कुछ स्थानों पर एटीएम में पैसों की कमी की खबरों का जिक्र कर रहे थे। सीएम ने कहा, ‘लेकिन दो-दो हजार के नोट कहां जा रहे हैं, कौन दबाकर रख रहा है, कौन नकदी की कमी पैदा कर रहा है। यह षड्यंत्र है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि दिक्कतें पैदा हो। हालाँकि सरकार इससे सख्ती से निपटेगी।’ शिवराज सिंह ने यह भी कहा कि उन्होंने यह मुद्दा केंद्र सरकार के सामने भी उठाया है।
ग्वालियर में गंभीर हुई समस्या
चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री ने आज भारतीय रिजर्व बैंक के मुख्य महाप्रबंधक (बैंकिंग विनियमन विभाग) मुम्बई एवं भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन (मुम्बई) को पत्र लिखकर ग्वालियर में नगदी की गंभीर समस्या/किल्लत से बैंक के ग्राहकों को हो रही परेशानी की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए अवगत कराया है कि ग्वालियर में स्थापित/संचालित लगभग सभी बैंकों की शाखाओं एवं सभी बैंकों की एटीएम में नगदी की किल्लत बनी हुई है। जिसके परिणाम स्वरूप ग्वालियर का व्यवसाय गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है। साथ ही, असमंजस एवं अफरातफरी का वातावरण निर्मित हो रहा है।
चेम्बर के अध्यक्ष अरविन्द अग्रवाल, संयुक्त अध्यक्ष यश कुमार गोयल, उपाध्यक्ष सुरेश बंसल, मानसेवी सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव जगदीश मित्तल एवं कोषाध्यक्ष गोकुल बंसल ने अवगत कराया है कि ग्वालियर में एसबीआई सहित लगभग अन्य सभी बैंकों की शाखाओं एवं एटीएम में पर्याप्त मात्रा में नगदी नहीं होने से खाताधारकों/व्यवसाईयों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जबकि सभी बैंकों द्वारा अपने खाताधारकों से एटीएम सहित सभी प्रकार की सेवाओं के लिए विभिन्न प्रकार के शुल्क वसूल किए जा रहे हैं।