Edited By Anil dev,Updated: 02 Aug, 2018 04:31 PM
शिवसेना ने आज कहा कि महाराष्ट्र सरकार को बेलगाम मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय की शरण में जाना चाहिए और उससे दरख्वास्त करनी चाहिए कि वह बेलगाम को कर्नाटक की दूसरी राजधानी बनाने के वहां के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के बयान को लेकर कर्नाटक सरकार को...
मुम्बई: शिवसेना ने आज कहा कि महाराष्ट्र सरकार को बेलगाम मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय की शरण में जाना चाहिए और उससे दरख्वास्त करनी चाहिए कि वह बेलगाम को कर्नाटक की दूसरी राजधानी बनाने के वहां के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के बयान को लेकर कर्नाटक सरकार को अवमानना की नोटिस भेजे । शिवसेना ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा खासकर बेलगाम को लेकर विवाद चल रहा है, ऐसे में 31 जुलाई को कुमारस्वामी द्वारा कथित रुप से दिया गया बयान उन लोगों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है जो महाराष्ट्र का हिस्सा बनना चाहते हैं।
महाराष्ट्र पहले की बंबई प्रेसीडेंसी के हिस्से बेलगाम पर अपना दावा करता है जबकि भाषाई आधार पर वह फिलहाल कर्नाटक का अंग है। इकत्तीस जुलाई को कुमारस्वामी ने कहा था कि उनकी सरकार उत्तरी कर्नाटक के लोगों के भेदभाव संबंधी आरोपों के समाधान के प्रयास के तहत बेलगाम में सुवर्ण विधान सौध में अपने कार्यालय स्थानांतरित करने पर विचार कर रही है। बेंगलुरु की विधानसभा, राज्य सचिवालय और विधानमंडल की तर्ज पर बेलगावी (बेलगाम) पर तैयार सुवर्ण विधान सौध बस राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान काम करता है और साल के बाकी समय बंद रहता है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा, ‘‘कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने घोषणा की है कि बेलगाम को राज्य की दूसरी राजधानी बनाया जाएगा। यह उन लोगों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है जो महाराष्ट्र का हिस्सा बनना चाहते हैं। ’’ शिवसेना ने जानना चाहा कि कर्नाटक सरकार अदालत में विचाराधीन मामले पर कैसे कोई निर्णय कर सकती है। उसने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को तत्काल इसका संज्ञान लेना चाहिए और उच्चतम न्यायालय में विरोध दर्ज कराना चाहिए।