किसानों की आत्महत्या की घटनाएं राज्य पर कलंक: शिवसेना

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Feb, 2018 03:04 PM

shivsena statement on farmers suicide incident

शिवसेना ने प्रदेश में लगातार बढ़ रही आत्महत्याओं की घटना को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आत्महत्याओं को रोकने के लिए राज्य सचिवालय पर सुरक्षा जाल लगाना पेट की बीमारी के लिए पैरों का इलाज करने के जैसा है..

नेशनल डेस्क: शिवसेना ने प्रदेश में लगातार बढ़ रही आत्महत्याओं की घटना को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आत्महत्याओं को रोकने के लिए राज्य सचिवालय पर सुरक्षा जाल लगाना पेट की बीमारी के लिए पैरों का इलाज करने के जैसा है। पार्टी ने दावा किया कि राज्य में 4,000 से अधिक लोगों ने पिछले तीन वर्षों में अपने घरों या खेतों में खुदकुशी की है और कुछ लोगों ने ही सचिवालय में आत्महत्या की है। सरकार से ऐसी घटनाएं रोकने के लिए किसानों तथा अन्य लोगों की परेशानियों को खत्म करने की उम्मीद की जाती है। 

किसानों को समस्या को हल करे सरकार 
शिवसेना ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा कि क्या राज्य के प्रशासनिक परिसरों में सुरक्षा जाल लगाना ही एकमात्र समाधान है। पार्टी के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में लिखा कि नायलॉन के जाल लगाने के बजाय सरकार को ठोस प्रावधान करने चाहिए कि लोग आत्महत्या ना करें। केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा के सहयोगी दल ने कहा कि सरकार से उम्मीद की जाती है कि वह किसानों, कामकाजी वर्ग की समस्याओं को हल करें ताकि उन्हें मंत्रालय की सीढिय़ां ही नहीं चढऩी पड़े।

आत्महत्याएं राज्य पर कलंक 
शिवसेना ने कहा कि आत्महत्याएं राज्य पर कलंक हैं। उन्होंने कहा कि आपने गौर करें कि किसान धर्मा पाटिल ने जहर खाकर आत्महत्या की ना कि छलांग लगाकर। यह स्पष्ट हो गया कि नायलॉन का जाल बहुत कमजोर है। बता दें कि दधुले जिले के पाटिल (84) ने अपनी जमीन के लिए बेहतर मुआवजे की मांग को लेकर 22 जनवरी को मंत्रालय में जहरीला पदार्थ खा लिया था। बाद में 28 जनवरी को यहां एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। उनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया था।


 

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