Edited By Monika Jamwal,Updated: 04 Apr, 2018 02:50 PM
दक्षिण कश्मीर में रविवार को तीन मुठभेड़ों में 13 आतंकवादियों और चार नागरिकों की मौत के खिलाफ बुधवार को अलगाववादियों द्वारा आहूत ‘शोपियां चलो’ मार्च को प्रशासन ने नाकाम कर दिया।
श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर में रविवार को तीन मुठभेड़ों में 13 आतंकवादियों और चार नागरिकों की मौत के खिलाफ बुधवार को अलगाववादियों द्वारा आहूत ‘शोपियां चलो’ मार्च को प्रशासन ने नाकाम कर दिया। वहीं घटना के बाद से ही कश्मीर में लगातार चौथे दिन तनाव का माहौल बरकरार है। तनाव के बीच हिंसक प्रदर्शनों की आशंका में घाटी के तमाम हिस्सों में पाबंदियां लगाई गई हैं जिसके कारण आम जनजीवन प्रभावित हुआ है।
श्रीनगर और कश्मीर घाटी में अन्य संवेदनशील जगहों पर शांति व कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने भारी मात्रा में सुरक्षा बल तैनात किए हैं। अलगाववादियों द्वारा बंद आहूत नहीं किए जाने के बावजूद यह सुरक्षा के मद्देनजर ऐहतियातन यह कदम उठाया गया है। कश्मीर घाटी में जारी तनाव के बीच प्रशासन ने सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने और बुधवार को होने वाली परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। व्यस्त रहने वाले श्रीनगर-सोनमर्ग रोड पर दूसरे दिन बुधवार को भी परिवहन बंद रहा।
अलगाववादी नजरबंद
सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासिन मलिक के अगुवाई वाले अलगाववादी संगठन संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जे.आर.एल.) ने स्थानीय लोगों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए शोपियां तक मार्च निकालने का ऐलान किया है। गिलानी और मीरवाइज को विरोध प्रदर्शनों और मार्च में शामिल होने देने से रोकने के लिए घर में नजरबंद रखा गया है, जबकि मलिक को श्रीनगर के केंद्रीय कारागार में बंद किया गया है। इस दौरान नजरबंदी का उल्लंघन करने के बाद पुलिस ने मीरवायज उमर फारुक को गिरफतार कर लिया। मीरवायज सुबह 11.30 बजे नगीन इलाके में उनके निवास से बाहर आए जहां वह नजरबंद थे। उन्होने शोपियां की ओर मार्च करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उनकी कोशिश को नाकाम कर दिया और हिरासत में ले लिया। मीरवायज को नगीन पुलिस स्टेशन में बंद कर दिया गया। वहीं, गिलानी ने भी शोपियां की ओर मार्च करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उनको हैदरपुरा इलाके स्थित आवास से बाहर आने की इजाजत नहीं दी और उनको नजरबंद रख दिया।
दुकानें बंद, गाडिय़ां नदारद
श्रीनगर और कश्मीर घाटी के अन्य प्रमुख शहरों में अधिकांश दुकानें, सार्वजनिक परिवहन और अन्य प्रतिष्ठान बंद पड़े हैं। हालांकि, श्रीनगर के उपनगरीय और बाहरी इलाकों में निजी परिवहन चल रहे हैं। कंगन में सुरक्षा बलों के साथ झड़पों में मारे गए 23 वर्षीय युवक को बुधवार तडक़े दफना दिया गया। युवक की मौत के बाद गान्दरबल जिले में पूर्ण बंद के चलते सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। गान्दरबल के जिला मजिस्ट्रेट ने युवक की हत्या के संबंध में एक मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया हैए जबकि पुलिस ने भी घटना के तथ्यों का पता लगाने के लिए विभागीय जांच का आदेश दिया है। कंगन में मंगलवार को युवक का शव पहुंचते ही संघर्ष भडक़ उठा था।
रेल सेवा स्थगित
इस बीच अलगाववादियों के ‘शोपियां चलो’ आह्वान को ध्यान में रखते हुए तथा सुरक्षा कारणों से घाटी में रेल सेवा को आज चौथे दिन फिर से स्थगित कर दिया गया। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि क श्मीर घाटी में सुरक्षा कारणों से आज रेल सेवा स्थगित रहेग अधिकारी ने बताया पुलिस विभाग की ओर से जारी मशविरे के आधार पर कश्मीर में सुरक्षा कारणों के मद्देनजर रेल सेवा को स्थगित करने का फैसला किया है।
सात थानाक्षेत्रों में प्रतिबंध
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर और शोपियां जिला के सात थाना क्षेत्रों में प्रतिबंध लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि शोपियां और श्रीनगर के नोहट्टा, रैनावाडी, खानयार, सफाकदल और एम.आर. गंज पुलिस थाना क्षेत्रों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। दूसरी और लोगों का कहना है कि वास्तविक हालात बिलकुल अलग हैं। शहर और बाहरी क्षेत्रों में सैकड़ों सुरक्षाबलों और राज्य पुलिस के कर्मियों को तैनात किया गया है। लोगों को घरों में रहने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य शहर की ओर जाने वाली सभी सडक़ों पर कंटीली तार लगा दी गई है। अन्य जिलों के लोगों को जुलूस में शामिल होने से रोकने के लिए शोपियां की ओर जाने वाली सडक़ों पर ‘नाके’ लगा दिए गए हैं।
पुराने शहर में सुरक्षा चाकचौबंद
श्रीनगर के पुराने शहर को पूरी तरह से सील कर दिया गया। आजादी समर्थक और देश विरोधी प्रदर्शनों के गढ़ पुराने शहर की गलियों और सभी सडक़ों पर सुरक्षाबलों को तैनात किया गया। अधिकारियों के अनुसार वह किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहते हंै, इसलिए पुराने शहर में सख्त कफ्र्यू लागू करने के निर्देश दिए गए। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया अलगाववादियों द्वारा आहूत शोपियां चलो मार्च के बाद एहतियातन उपाय के तहत घाटी के अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा और शोपियां जिलों में प्रतिबंध लगाए गए। अधिकारी ने बताया चार जिलों बांदीपुरा, बडग़ाम, गंदरबल और बारामुला के बाकी इलाकों में प्रतिबंध लगाए गए हैं। अधिकारी ने बताया कि घाटी में स्थिति अब तक शांतिपूर्ण है और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।