Edited By Tanuja,Updated: 06 Apr, 2022 06:29 PM
इटली में प्रतिबंधित खालिस्तान संगठन सिख फॉर जस्टिस द्वारा 8 मई को जनमत संग्रह की घोषणा के बाद इटली में सिखों ने अलगाववादी वोट...
इंटरनेशनल डेस्कः इटली में प्रतिबंधित खालिस्तान संगठन सिख फॉर जस्टिस द्वारा 8 मई को जनमत संग्रह की घोषणा के बाद इटली में सिखों ने अलगाववादी वोट से खुद को दूर कर लिया है। सिख फॉर जस्टिस, अमेरिका में स्थित एक खालिस्तान संगठन है, जो भारतीय कब्जे से पंजाब की आजादी का सपना देख रहा है और कथित तौर पर लंबे समय से इटली में सक्रिय है। इंग्लैंड और कनाडा के बाद यूरोप में सबसे बड़ी सिख आबादी इटली में है और अधिकांश लोग भारतीय संस्कृति के साथ रहना पसंद करते हैं।
दरअसल सिख फॉर जस्टिस द्वारा दिल्ली के पास एक सड़क दुर्घटना के शिकार दीप सिद्धू की मौत का इस्तेमाल कर इसे एजेंसियों द्वारा रची गई साजिश बताकर वोट मांगे जा रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि दीप सिद्धू का सिख फॉर जस्टिस से कोई संबंध नहीं था और पंजाब जनमत संग्रह के लिए उनके नाम का इस्तेमाल सिख फॉर जस्टिस के लिए गलत था। सिख फॉर जस्टिस ने 8 मई को इटली में पंजाब में जनमत संग्रह कराने की घोषणा की है और खालिस्तान के लिए शहीद दीप सिद्धू के नाम पर पंजाब जनमत संग्रह केंद्र ब्रिक्सिया इटली की स्थापना की गई है।
उधर,इटली के सिखों का कहना है कि इटली में हमारा बंधन कोई नहीं तोड़ सकता। यहां पूरा भारतीय समुदाय एकजुट है। कहा जा रहा है कि विदेशों में बसे अधिकांश सिख पंजाब जनमत संग्रह से दूर रहकर पारिवारिक छुट्टियों का विकल्प चुनते हैं। सूत्रों ने कहा कि अमेरिका से सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के अधिकारी पंजाब जनमत संग्रह के लिए वोट मांगने के लिए गुरुद्वारों का दौरा कर रहे हैं लेकिन गुरुद्वारा प्रबंधन समितियां इस प्रतिबंधित संगठन से दूरी बनाना पसंद कर रही हैं ।