Edited By Murari Sharan,Updated: 13 Jun, 2020 11:54 AM
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल ने हाईकोर्ट में केजरीवाल सरकार की एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। सरकार ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया था...
नई दिल्ली/डेस्क। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल ने हाईकोर्ट में केजरीवाल सरकार की एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। सरकार ने अस्पताल पर कोरोना टेस्ट से जुड़ी गाइडलाइन के उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।दिल्ली सरकार की शिकायत पर पुलिस ने यह एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर के अनुसार शिकायतकर्ता दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग में वरिष्ठ अधिकारी है।
बता दें कि अस्पतालों की लापरवाही को देखते हुए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कुछ दिन पहले प्राइवेट अस्पतालों को सख्त चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 मरीजों को ‘भर्ती करने से मना करने’ और बिस्तरों की कालाबाजारी करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी निजी अस्पतालों को अपने 20 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व रखने होंगे और अस्पताल कोरोना मरीज का इलाज करने से बिल्कुल भी मना नहीं करेंगे।
DMA ने की थी केजरीवाल सरकार की निंदा
अस्पतालों के साथ केजरीवाल सरकार के इस रवैये को देख दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने नाराजगी जताई थीऔर सरकार के कदमों का विरोध किया है। डीएमए ने कहा कि जिस तरह से दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल कोरोना वायरस के मरीजों को भर्ती करने और उनका टेस्ट करने के लिए डॉक्टरों को चेतावनी दे रहे हैं और अस्पतालों को धमका रहे हैं उसकी हम कड़ी निंदा करते हैं। इसके साथ ही DMA ने सर गंगाराम अस्पताल के खिलाफ दर्ज किए गए एफआईआर की भी निंदा की है।
डॉक्टरों के साथ व्यवहार अपमानित करने वाला
डीएमए अध्यक्ष की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इस महामारी संकट के समय जो डॉक्टर अपनी जान को खतरे में डालकर पिछले 2 महीनों से बिना थके दिल्ली के लोगों की सेवा कर रहे हैं उनके साथ जिस तरह का व्यवहार हो रहा है उससे वो अपमानित महसूस कर रहे हैं।