पेपर लीक मामला: छात्रों ने CBSE दफ्तर के बाहर जमकर की नारेबाजी

Edited By Anil,Updated: 30 Mar, 2018 11:13 AM

sit paper leaks cbse

दसवीं और 12वीं के कक्षा के पेपर लीक मामले में क्राइम ब्रांच ने दो अलग-अलग केस दर्ज किए हैं और 25 लोगों से पूछताछ की है। 10वीं में गणित और 12वीं के इकोनॉमिक्स का पेपर व्हाट्स एप के जरिए 35 हजार से लेकर 1 हजार रुपए तक में बिका था। मामले को गंभीरता से...

नई दिल्ली: दसवीं और 12वीं के कक्षा के पेपर लीक मामले में क्राइम ब्रांच ने दो अलग-अलग केस दर्ज किए हैं और 25 लोगों से पूछताछ की है। 10वीं में गणित और 12वीं के इकोनॉमिक्स का पेपर व्हाट्स एप के जरिए 35 हजार से लेकर 1 हजार रुपए तक में बिका था। मामले को गंभीरता से लेते हुए फौरन एक एसआईटी का गठन कर दिया। मामले की जांच ज्वाइंट सीपी आलोक कुमार की देखरेख में चल रही है। 

विद्यार्थियो ने लगा दिया सड़क जाम
बता दें कि इस मामले में प्रीत विहार में विद्यार्थियो ने सड़क पर जाम लगा दिया है। वहीं दिल्‍ली CBSE के दफ्तर के बाहर छात्रों ने नारेबाजी भी की। साथ ही दिल्ली रीजन में ही दोबारा परीक्षा कराने के निर्णय का विरोध किया। बता दें कि पुलिस के मुताबिक छानबीन के दौरान पता चला कि जिन छात्रों के पास लीक हुए पेपर था, उन छात्रों ने पेपर को दूसरे छात्रों से पैसे देकर खरीदा था। शुरुआत में कुछ छात्रों ने 50 हजार रुपए कीमत चुकाकर पेपर खरीदा। इसमें छात्रों के कुछ ट्यूटर व सीनियर छात्र शामिल हैं। 

11 स्कूली छात्रों से पुलिस ने की पूछताछ
50 हजार में पेपर खरीदकर उसे 35 हजार, बाद में 10-10 और पांच के अलावा एक हजार रुपए तक बेचा गया। जांच के दौरान पांच कॉलेज के छात्रों के नाम भी छानबीन में सामने आए। इसके अलावा 11 स्कूली छात्रों व पांच अलग-अलग ट्यूटर से पुलिस ने वीरवार को पूछताछ की। पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़कर असली गुनाहगारों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। इसलिए यह माना जा रहा है कि क्राइम ब्रांच का फोकस व्हाट्स एप की उस चेन पर है, जिसके जरिए पेपर लीक होता रहा। चेन इतनी लम्बी है कि पुलिस को मुख्य आरोपियों तक पहुंचने में समय लग रहा है। उनकी गिरफ्तारी के बाद ही पूरा मामला साफ हो पाएगा। 

एसआइटी ने लिया विक्की को हिरासत में लिया
आरोपी उपाध्याय ने वीरवार शाम पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जांच टीम ने 18 छात्रों सहित 32 लोगों से पूछताछ की है। हमारे पास ऐसी कोई सूचना नहीं है कि यह लीक अखिल भारतीय स्तर पर हुआ है। लेकिन अगर ऐसी कोई बात सामने आती है तो हम दिल्ली के बाहर भी टीमें भेजेंगे। परीक्षा की तय तिथियों से पहले ही दोनों प्रश्नपत्र उपलब्ध थे। जिन लोगों से पूछताछ की गई है उनमें 18 छात्र, पांच ट्यूटर और दो अन्य लोग हैं। पुलिस के समक्ष सीबीएसई की शिकायत में जिन लोगों के नामों का उल्लेख है उन्हें प्रश्नपत्र मिले थे। इन प्रश्नपत्रों को व्हाट्सऐप के जरिए वितरित किया गया। एसआइटी में शामिल अधिकारी का कहना है कि सीबीएसई ने लिखित शिकायत में ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर चलाने वाले विक्की पर शक जताया था। लिहाजा एसआइटी ने विक्की को हिरासत में ले लिया। उससे पूछताछ की जा रही है। वह विद्या कोचिंग सेंटर का मालिक है और अपने सेंटर में दसवीं 12वीं के छात्रों को गणित व अर्थशास्त्र पढ़ाता है। 

एसआइटी ने मांगी सीबीएसई से भी जानकारी
एसआइटी ने सीबीएसई से भी जानकारी मांगी है कि परीक्षा केंद्रों व छात्रों तक प्रश्नपत्र पहुंचने का क्या तरीका है? सुरक्षा के लिए किस किस तरह की सावधानियां बरती जाती है? प्रश्नपत्र किन-किन प्रिंटिंग प्रेस से छपवाए गए। सीबीएसई को इस संबंध में जल्द से जल्द जानकारी देने को कहा गया है। ज्ञात रहे सीबीएसई पेपर लीक मामले में एक एफआइआर 27 मार्च व दूसरी 28 मार्च को की। इसके बाद मामले की विस्तृत जांच के लिए क्राइम ब्रांच के 11 अधिकारियों की एक एसआइटी बनाई गई जो मामले की जांच कर रही है। सीबीएसई ने अपनी शिकायत में राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर के मालिक विवेक कुमार (30) का नाम लिया है और वह पर्चा लीक मामले में संदिग्ध है। 

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