मामले की जांच करेगी SIT, गुजरात दंगों से जुड़े केस को लेकर हिरासत में है तीस्ता सीतलवाड़

Edited By Yaspal,Updated: 26 Jun, 2022 10:01 PM

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सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व आईपीएस अफसरों आरबी श्रीकुमार एवं संजीव भट्ट के खिलाफ दर्ज मामले की तफ्तीश विशेष जांच दल (एसआईटी) करेगा जिसके प्रमुख गुजरात के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के उपमहानिरीक्षक (डीजीआई) होंगेमामले की जांच करेगी...

नेशनल डेस्कः सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व आईपीएस अफसरों आरबी श्रीकुमार एवं संजीव भट्ट के खिलाफ दर्ज मामले की तफ्तीश विशेष जांच दल (एसआईटी) करेगा जिसके प्रमुख गुजरात के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के उपमहानिरीक्षक (डीजीआई) होंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि सीतलवाड़, श्रीकुमार और भट्ट पर 2002 के गुजरात के सांप्रदायिक दंगों के सिलसिले में बेगुनाह लोगों को फंसाने के लिए सबूत गढ़कर कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करने का आरोप है।

इससे पहले दिन में अहमदाबाद अपराध शाखा ने सीतलवाड़ को गिरफ्तार कर लिया। एक दिन पहले उन्हें मुंबई से हिरासत में लिया गया था और गुजरात लाया गया था। गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) श्रीकुमार को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था जबकि भट्ट को हिरासत में लेने के वास्ते स्थानांतरण वारंट हासिल करने की प्रक्रिया चल रही है। वह हिरासत में मौत के मामले में पालनपुर जेल में उम्रकैद की सज़ा काट रहे हैं।

अधिकारी ने बताया कि एसआईटी के प्रमुख गुजरात एटीएस के डीआईजी दीपन भद्रन होंगे और उसमें अहमदाबाद अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) और गुजरात एटीएस में पुलिस अधीक्षक (एसपी) सदस्य के तौर पर होंगे। डीआईजी भद्रन ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जांच में अहमदाबाद विशेष अभियान समूह (एसओजी) में सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) मदद करेंगे। अहमदाबाद की अपराध शाखा ने शनिवार को सीतलवाड़, श्रीकुमार और भट्ट के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

इससे एक दिन पहले 2002 में गोधरा की घटना के बाद भड़के दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को एसआईटी द्वारा दी गई क्लिन चिट को चुनौती देने वाली याचिका शीर्ष अदालत ने खारिज कर दी थी। तीनों पर आरोप है कि उन्होंने गुजरात में हुए दंगों के सिलसिले में ऐसे मामलों में बेगुनाह लोगों को फंसाने की कोशिश के तहत सबूत गढ़ने की साजिश रचकर कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया जिनमें मौत की सज़ा का प्रावधान है।

अदालत ने कहा, “अंतत: हमें प्रतीत होता है कि गुजरात सरकार के असंतुष्ट अधिकारियों के साथ-साथ अन्य लोगों का एक संयुक्त प्रयास (इस प्रकार के) खुलासे करके सनसनी पैदा करना था, जबकि उनकी जानकारी झूठ पर आधारित थी। सीतलवाड, श्रीकुमार और भट्ट के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 468, 471, 194, 211,218, 120 (बी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

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