Edited By shukdev,Updated: 13 Jun, 2019 09:08 PM
आंध्र प्रदेश विधानसभा में ताम्मीनेनी सीताराम को नया अध्यक्ष चुने जाने के बाद गुरुवार को सदन में सियासी दल-बदल और पिछले अध्यक्ष के आचरण का मुद्दा छाया रहा। नेता सदन वाई एस जगनमोहन रेड्डी समेत सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों ने...
अमरावतीः आंध्र प्रदेश विधानसभा में ताम्मीनेनी सीताराम को नया अध्यक्ष चुने जाने के बाद गुरुवार को सदन में सियासी दल-बदल और पिछले अध्यक्ष के आचरण का मुद्दा छाया रहा। नेता सदन वाई एस जगनमोहन रेड्डी समेत सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों ने याद किया कि कैसे पिछले अध्यक्ष कोडेला शिवप्रसाद राव ने कानून और नियमों की अनदेखी कर पूर्णतया पक्षपातपूर्ण और मनमाने तरीके से सदन का संचालन किया। जब सदस्यों को नए अध्यक्ष को बधाई देने के लिये बोलना था तब सदन में तीखी बहस देखने को मिली। अध्यक्ष ने अंत में कहा कि वह चाहते हैं कि आंध्र प्रदेश विधानसभा दल-बदल विरोधी कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने में दूसरों के लिए नजीर बने और उम्मीद जताई कि उन्हें मौजूदा सदन में इसे लागू नहीं करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा क्या हमें ऐसी विधानसभा की जरूरत है जो दल-बदल कानून लागू न कर सके विधानसभा को संवैधानिक सिद्धांतों और संवैधानिक कानूनों का सम्मान करना चाहिए।श् इससे पहले मुख्यमंत्री ने सीताराम को अध्यक्ष पद पर उनके चुनाव के लिए बधाई देने के दौरान पिछले सदन में वाईएसआर कांग्रेस के विधायकों के पाला बदलकर तेदेपा में जाने का जिक्र किया। जगन ने कहा कि पिछले सदन को देखकर हर कोई यह समझ चुका है कि सदन का नेता और अध्यक्ष कैसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा अब हम यह दिखाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं कि सदन का नेता और अध्यक्ष कैसा होना चाहिए।