Edited By vasudha,Updated: 07 Jan, 2019 06:03 PM
राफेल डील को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों को लोकसभा में जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने जो सदन में कहा था वो सही कहा था...
नेशनल डेस्क: राफेल डील को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने जो सदन में कहा था वो सही कहा था।
रक्षा मंत्री ने लोकसभा में शून्यकाल शुरू होने पर अपने वक्तव्य में कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 2014 से 2018 के दौरान 26 हजार करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं और 73 हजार करोड़ रुपये रुपये के अनुबंध पाइपलाइन में हैं, इसलिए लोकसभा में दिए उनके वक्तव्य पर संदेह खड़े करना ‘गलत और गुमराह’ करने वाली बात है। उनके बयान की पुष्टि खुद एचएएल की ओर से की गई है।
सीतारमण ने कहा कि 2014 से 2018 के दौरान एचएएल ने 26570.8 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं तथा 73,000 करोड़ रुपये के अनुबंध पाइपलाइन में हैं । इस तरह से एचएएल के पास कुल एक लाख करोड़ रुपये के अनुबंध हैं। मंत्री ने कहा कि चार जनवरी को राफेल मामले पर चर्चा का जवाब देते हुए एचएएल को मिले अनुबंध के संदर्भ में जो बात की थी, उसकी पुष्टि खुद एचएएल की तरफ से की गई है। उन्होंने कहा कि मेरे चार जनवरी के वक्तव्य को लेकर संदेह खड़े करना गलत और गुमराह करने वाली बात है।
रक्षा मंत्री के वक्तव्य के दौरान कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा किया और गलतबयानी का आरोप लगाया। इस दौरान कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हमने सदन को गुमराह करने को लेकर रक्षा मंत्री मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे रखा है। इस पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि यह नोटिस उनके विचाराधीन है। गौरतलब है कि सीतारमण का यह बयान उस वक्त आया है जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि रक्षा मंत्री ने एचएएल को मिले अनुबंध के संदर्भ में सदन के भीतर झूठ बोला।