Edited By Seema Sharma,Updated: 01 Sep, 2019 04:31 PM
देश की अर्थव्यवस्था पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान और चिंता पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोई जवाब नहीं दिया। चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकारी बैंकों के विलय
चेन्नईः देश की अर्थव्यवस्था पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान और चिंता पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोई जवाब नहीं दिया। चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकारी बैंकों के विलय से किसी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सूचना गलत है। वहीं जब मीडिया ने उनसे मनमोहन सिंह के बयान के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि उस पर मेरा कोई विचार नहीं है। हालांकि सीतारमण ने यह जरूर कहा कि मनमोहन सिंह ने जो भी कुछ कहा, वो उन्हें जरूर सुनेंगी। चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार कई क्षेत्रों के लोगों से बातचीत कर रही है।
उन्होंने कहा कि ऑटो इंडस्ट्री के लोग हमसे मिलने आए थे और उनसे बातचीत के बाद हमारे पास घोषणाओं की एक पूरी लिस्ट है। उन्होंने कहा कि ऑटो इंडस्ट्री में जीएसटी दर में कटौती मेरे हाथ में नहीं है। जीएसटी परिषद को अंतिम निर्णय लेना है। आर्थिक मंदी से जुड़े सवाल पर सीतारमण ने कहा कि मैं उद्योगों से मिल रही हूं और उनके इनपुट्स ले रही हूं, सरकार से वे क्या चाहते हैं, इस पर सुझाव ले रही हूं। बता दें कि रविवार को मनमोहन सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने आर्थिक स्तर पर चौतरफा कुप्रबंधन का माहौल बनाया है जिसके कारण देश आर्थिक मंदी की गहरी चपेट में आ गया है।
चिंताजनक स्थिति यह है कि पिछली तिमाही सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) केवल पांच प्रतिशत की दर से बढ़ा है जो इशारा करती है कि देश लंबी मंदी के दौर में हैं। सरकार को इस स्थिति से निकलने के लिए बदले की राजनीति छोड़कर बुद्धिजीवियों एवं आर्थिक विचारकों को साथ लेकर अर्थव्यवस्था को इस मानव-निर्मित संकट से बाहर निकालने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में रोजगार का सबसे बड़ा संकट पैदा हो गया है। सरकार की नीतियों के कारण भारी संख्या में नौकरियां खत्म हो गई हैं।