सोलह बरस की हुई मेट्रो, सुरक्षा में कोई दाग नहीं

Edited By shukdev,Updated: 24 Dec, 2018 07:58 PM

sixteen years of metro no stains in safety

राजधानी दिल्ली की जीवन रेखा बन चुकी दिल्ली मेट्रो आज सोलह बरस की हो गई और इस दौरान साढे आठ किलोमीटर के शुरुआती सफर से 317 किलोमीटर लंबी यात्रा कर चुकी मेट्रो पर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर अब तक कोई दाग नहीं लगा है।   24 दिसम्बर 2002 में पूर्व...

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली की जीवन रेखा बन चुकी दिल्ली मेट्रो आज सोलह बरस की हो गई और इस दौरान साढे आठ किलोमीटर के शुरुआती सफर से 317 किलोमीटर लंबी यात्रा कर चुकी मेट्रो पर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर अब तक कोई दाग नहीं लगा है।   24 दिसम्बर 2002 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली मेट्रो के पहले सेक्शन का उद्घाटन किया था और पूर्वी दिल्ली के भीड़भाड़ वाले इलाके शाहदरा से तीस हजारी तक के रेड लाइन के 8.4 किलोमीटर लंबे सेक्शन पर अगले दिन यानी 25 दिसम्बर (क्रिसमस) जो संयोग से वाजपेयी का जन्मदिन था से मेट्रो ने यात्रियों को लेकर पटरी पर अपना सफर शुरू किया।

PunjabKesariसोलह वर्ष के इस सफर को लाल रंग से शुरू करने वाली मेट्रो पीले, नीले,हरे, बेंगनी, ओरेंज पिंक और मेजेन्टा रंगों में सरोबार हो चुकी है और आठ लाइनों पर दिल्ली तथा पडोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 317 किलोमीटर तक अपना जाल बिछा चुकी है। इसके स्टेशनों की संख्या भी 231 तक पहुंच गई है। वर्ष के अंत तक मेट्रो तीसरे चरण का काम पूरा कर एक महत्वपूर्ण पड़ाव पूरा करने जा रही है। दिल्ली मेट्रो के 16 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में प्रबंध निदेशक मंगू सिंह ने मेट्रो की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि यह बडे संतोष की बात है कि दुनिया के बड़े और विशाल नेटवर्कों में शामिल दिल्ली मेट्रो पर अब तक कोई दाग नहीं लगा है और कोई ऐसी दुर्घटना नहीं हुई है जिसमें यात्री हताहत हुए हों। 

PunjabKesariउन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि दिल्ली मेट्रो में सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाता। साथ ही उन्होंने कहा कि समय के साथ साथ मेट्रो कई मायनों में किफायती हुई है और अब वह कई मामलों में तो दो-तिहाई कम ऊर्जा का इस्तेमाल कर रही है। विशेष रूप से भूमिगत स्टेशनों में ऊर्जा की खपत में काफी कमी आयी है। मेट्रो लाइनों पर बार बार खराबी के बारे में उन्होंने कहा कि कई बार सिग्नल प्रणाली में सॉफ्टवेयर की दिक्कत आ जाती है और उसे ठीक कर लिया जाता है। 

PunjabKesariमेट्रो के किराये के आम लोगों की जद से बाहर होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि किराया निर्धारण में दिल्ली मेट्रो की कोई भूमिका नहीं है। छात्रों और बुजुर्गों के लिए रियायती किराये के बारे में उन्होंने कहा कि इसका निर्णय किराया निर्धारण समिति की अगली बैठक में होगा। दिल्ली मेट्रो हर रोज लगभग 3000 फेरे लगाती है और इसमें औसतन 30 लाख लोग यात्रा करते हैं। 

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