छोटे व्यवसाय वैश्विक हो रहे हैं, इसका श्रेय भारतीय स्टैक को जाता है: निर्मला सीतारमण

Edited By Utsav Singh,Updated: 10 Nov, 2024 04:37 PM

small businesses are going global thank indian stack nirmala sitharaman

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बेंगलुरु में एक विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए सार्वजनिक धन का उपयोग किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने निजी कंपनियों पर निर्भर...

नेशनल डेस्क : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बेंगलुरु में एक विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए सार्वजनिक धन का उपयोग किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने निजी कंपनियों पर निर्भर रहने के बजाय, अपने ही संसाधनों से डिजिटल अवसंरचना बनाई है, जिससे छोटे व्यवसायों को भी फायदा हुआ है और वे वैश्विक बाजारों में अपनी पहुंच बना पा रहे हैं।

सार्वजनिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर: "इंडिया स्टैक"
निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार ने "इंडिया स्टैक" के तहत डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का निर्माण किया है। यह सिस्टम बैंकिंग, भुगतान, स्वास्थ्य, विपणन, और शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में काम करता है। इससे न केवल गवर्नेंस को अधिक समावेशी बनाया है, बल्कि यह छोटे व्यवसायों को भी नवाचार करने और सीमित संसाधनों के साथ बढ़ने का मौका दे रहा है। उन्होंने कहा कि यह डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर छोटे उपयोगकर्ताओं को भी मुफ्त में फायदा प्रदान करता है। यह छोटे व्यवसायों को न केवल अपने घरेलू बाजार तक, बल्कि वैश्विक बाजारों तक पहुंचने की क्षमता प्रदान करता है।

छोटे व्यवसायों की सफलता की कहानी
सीतारमण ने नागालैंड की अपनी यात्रा का उदाहरण दिया, जहां उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि एक छोटा सा गैर-सरकारी संगठन (NGO) अब अमेरिका से क्रिसमस गिफ्ट आइटम्स की आपूर्ति के लिए ऑर्डर प्राप्त कर रहा है। यह दिखाता है कि किस तरह से डिजिटल प्लेटफार्म और सरकार की मदद से छोटे व्यवसाय वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं।

प्रौद्योगिकी को अपडेट करने की जरूरत
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि प्रौद्योगिकी को लगातार अपडेट किया जाना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसका लाभ आम लोगों तक पहुंचे और बदलाव प्रभावी हो।

राजकोषीय प्रबंधन और सरकार का दायित्व
सीतारमण ने इस बात को भी रेखांकित किया कि सरकार ने एक विवेकपूर्ण राजकोषीय प्रबंधन नीति अपनाई है। उनका मानना ​​है कि करदाताओं के पैसे का सही तरीके से उपयोग किया जाना चाहिए ताकि टिकाऊ संपत्तियां बनाई जा सकें और सुशासन प्रदान किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा, "मुझे हर एक रुपये का हिसाब देना चाहिए जो सरकार के पास आता है, ताकि वह बर्बाद न हो और इसका लाभ आम लोगों तक पहुंचे।"

राजकोषीय घाटे में कमी और पूंजीगत व्यय में वृद्धि
वित्त मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने राजकोषीय घाटे को महामारी के साल 2021 में 9.2% से घटाकर 2024 के वित्तीय वर्ष में 5.6% तक लाया है। सरकार का लक्ष्य इस साल 4.9% पर घाटे को बनाए रखना है। इसके साथ ही, सरकार ने पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी की है, जिससे विकास को बढ़ावा मिलेगा। वित्त वर्ष 2025 के लिए सरकार ने 11.11 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय निर्धारित किया है, जो पिछले वर्ष से 17% अधिक है।

महिलाओं को पितृसत्ता का बहाना न बनाने की सलाह
अंत में, वित्त मंत्री ने महिलाओं से अपील की कि वे अपनी कमियों को छिपाने के लिए पितृसत्ता का बहाना न बनाएं। उन्होंने महिलाओं को प्रेरित किया कि वे अपने सक्षम होने का एहसास करें और अपनी सशक्तता के रास्ते पर चलें।

इस तरह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, सरकारी खर्च, और महिलाओं की सशक्तिकरण के बारे में महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए। उनकी यह बयानबाजी भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए एक अहम दिशा को दर्शाती है।

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