Edited By Seema Sharma,Updated: 09 Aug, 2022 10:34 AM
SSLV की पहली उड़ान के साथ ही पृथ्वी की निचली कक्षा में छोटे सैटेलाइट स्थापित करने की बड़ी उपलब्धि हासिल करने के सपने को रविवार को एक छोटी सी चूक ने तोड़ दिया।
नेशनल डेस्क: SSLV की पहली उड़ान के साथ ही पृथ्वी की निचली कक्षा में छोटे सैटेलाइट स्थापित करने की बड़ी उपलब्धि हासिल करने के सपने को रविवार को एक छोटी सी चूक ने तोड़ दिया। नई पीढ़ी के 'आजादीसैट' रॉकेट SSLV के तीन चरणों ने ठीक काम किया। इसरो के चीफ एस सामंत ने उन अटकलों को खारिज किया जिनमें कहा जा रहा था कि कक्षा में सैटेलाइट स्थापित करने वाले रॉकेट के ऑटोमेटिक रिस्पांस सिस्टम में कोई विसंगति आई। यह किसी सैंसर की खराबी लगती है।
SSLV का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। उसने हर चरण में अच्छा काम किया। तीसरे चरण में प्रोपेल रॉकेट जिसे 336 km से 356.5 km की ऊंचाई के बीच होना चाहिए था, वह भी अपनी सामान्य स्थिति में था। तीसरी स्टेज के ठीक बाद लिक्विड फ्यूल बेस्ड वैलोसिटी ट्रिमिंग मॉड्यूल (VTM) को सक्रिय होना था जो सैटेलाइट को कक्षा में स्थापित कर राकेट से अलग करता, वहां डाटा लॉस दिखाई दिया और किसी भी पेलोड ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। SSLV रॉकेट में कोई गड़बड़ी नहीं दिखी। गड़बड़ी टर्मिनल स्टेज में टैलीमेट्री में हुई।