इतने बेचैन क्यों गांधी खानदान? ये कैसा इश्क है जो देश से नहीं राजनीतिक सियासत से है?: स्मृति ईरानी का राहुल गांधी पर तंज

Edited By Anu Malhotra,Updated: 08 Jun, 2023 03:49 PM

smriti irani  rahul gandhi  congress lok sabha elections

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान वाले बयान को लेकर जमकर हमला  बोला। इसके साथ ही उन्होंने  कांग्रेस पर भारतीय लोकतंत्र को चोट पहुंचाने के लिए ‘बाहरी ताकतों' के इस्तेमाल का आरोप लगाया और दावा किया लोकसभा चुनाव के नजदीक...

नेशनल डेस्क:  केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान वाले बयान को लेकर जमकर हमला  बोला। इसके साथ ही उन्होंने  कांग्रेस पर भारतीय लोकतंत्र को चोट पहुंचाने के लिए ‘बाहरी ताकतों' के इस्तेमाल का आरोप लगाया और दावा किया लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही इस प्रकार की गतिविधियों का बढ़ना इस बात का संकेत है कि ‘सत्ता की भूख' में वह देश की लोकतांत्रिक प्रणाली पर चोट करने को आमादा है। केंद्रीय महिला एंव बाल विकास और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री ईरानी ने विपक्षी एकजुटता के प्रयासों के लिए विरोधी दलों पर भी निशाना साधा और कहा कि जिस प्रकार बिहार के भागलपुर में एक पुल पानी में बह गया वैसे ही उनके अरमान भी 2024 के लोकसभा चुनावों में बह जाएंगे। 

कांग्रेस सत्ता की भूख में...
अपने अधीन मंत्रालयों में पिछले 9 साल के दौरान शुरू की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और सरकार की उपलब्धियां गिनाने के बाद यहां पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा पहले से ही कहती रही है कि कैसे कांग्रेस का नेतृत्व भारत के लोकतंत्र पर चोट करने के लिए ‘बाहरी ताकतों का इस्तेमाल' कर रहा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘जैसे-जैसे चुनाव पास आ रहा है, वैसे-वैसे कांग्रेस के नेताओं की इस प्रकार की गतिविधि का बढ़ना, अपने आप में इस बात का संकेत है कि कांग्रेस सत्ता की भूख में अपने देश की लोकतांत्रिक प्रणाली पर चोट करने के लिए आमादा है।

इतने बेचैन क्यों हैं गांधी खानदान के लोग?
ईरानी ने सवाल किया, ‘‘इतने बेचैन क्यों हैं गांधी खानदान के लोग?'' बिहार की राजधानी पटना में प्रस्तावित विपक्षी दलों की बैठक से जुड़े एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जो विपक्षी दल अपने पैरों पर खड़ा होने में विफल रहे हैं वह एक दूसरे में सहारा ढूंढ रहे हैं। उन्होंने भागलपुर में पुल ढहने की हालिया घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘अभी 1750 करोड़ रूपये की लागत का एक पूरा ढांचा वहां पानी में बह गया। उनके अरमान भी 2024 में इसी प्रकार बह जाएंगे, यह मेरा विश्वास है।'' 

 ये कैसा इश्क है जो देश से नहीं अपनी राजनीतिक सियासत से है?
राहुल के ‘मोहब्बत की दुकान' नारे पर तंज कसते हुए ईरानी ने सवाल किया कि "...जब आप 'मोहब्बत' की बात करते हैं, तो क्या इसमें सिखों की हत्या शामिल है? जब आप 'मोहब्बत' की बात करते हैं, तो क्या इसमें राजस्थान में महिलाओं का अपहरण शामिल है? जब आप 'मोहब्बत' की बात करते हैं, तो क्या यह इसमें हिंदू जीवन शैली की निंदा करना शामिल है? जब आप 'मोहब्बत' के बारे में बात करते हैं, तो क्या इसका मतलब उन लोगों के साथ साझेदारी करना है जो भारत को एक ठहराव में लाना चाहते हैं? जब आप 'मोहब्बत' की बात करते हैं, तो क्या वह 'मोहब्बत' आपको बाहर जाने के लिए मजबूर करती है आपके अपने लोकतंत्र के खिलाफ हस्तक्षेप। ये कैसा इश्क है जो देश से नहीं अपनी राजनीतिक सियासत से है?"

12 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाओं को संचालित किया
भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर राहुल द्वारा उठाए गए मुद्दे से जुड़े एक सवाल पर ईरानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की प्राथमिकता में हर वर्ग है और उसने सभी वर्गों व समुदायों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए योजनाओं व कार्यक्रमों में वित्तीय आवंटन सुनिश्चित किया है। उन्होंने सवाल किया कि जो अपने आप को मुस्लिम समुदाय का संरक्षक बताता है उनसे पूछा जाना चाहिए कि उनकी सरकार में अल्पसंख्यकों के कल्याण पर कितना खर्च किया गया। महिलाओं की सुरक्षा के बारे में उन्होंने कहा कि खुद को घोषणाओं तक सीमित रखने वाली कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए एक भी परियोजना क्रियान्वित नहीं की। उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारे नौ वर्षों के कार्यकाल में हमारे मंत्रालय ने, निर्भया फंड के अंतर्गत राज्य सरकारों और भारत सरकार के अन्य प्रकल्पों के साथ 12 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाओं को संचालित किया है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!