Edited By Pardeep,Updated: 11 Feb, 2021 10:42 PM
केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि बजट भारत को जोड़ने और आत्मनिर्भर बनाने वाला है लेकिन जिन लोगों ने देश को टुकड़े करने वालों का समर्थन किया वह कभी भी भारत को समर्पित बजट का समर्थन नहीं कर सकते। ईरानी ने लोकसभा में आज बजट
नई दिल्लीः केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि बजट भारत को जोड़ने और आत्मनिर्भर बनाने वाला है लेकिन जिन लोगों ने देश को टुकड़े करने वालों का समर्थन किया वह कभी भी भारत को समर्पित बजट का समर्थन नहीं कर सकते। ईरानी ने लोकसभा में आज बजट 20121-22 पर सामान्य चर्चा में हिस्सा लिया।
उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उनके ऊपर तीखा हमला करते कहा कि जिस प्रदेश से वह पूर्व में सांसद रहे हैं वहां किसानों की क्या हालत रही है यह भी देखना चाहिए। किसानों की जमीन हड़पने वाले किसानों के अधिकार की क्या बात करेंगे। अमेठी में किसानों की जमीन इंटर कालेज बनाने के नाम पर जमीन ली गई और उस पर अपना कार्यालय बना लिया गया लेकिन जब प्रशासन ने जमीन लेने की कोशिश की तो वह किसानों के खिलाफ अदालत में चले गए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस सदन में राहुल गांधी को बजट पर चर्चा करना स्वीकार्य नहीं है इसलिए वह पीठ दिखाकर चले गए। बजट भारत को जोड़ने और आत्मनिर्भर बनाने वाला है। जिन लोगों ने भारत के तोड़ने का आह्वान करते हुए नारे लगाए वे कभी भी भारत को समर्पित बजट का समर्थन नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमेठी की जनता के लिए शौचालय से लेकर अस्पताल बनाने का काम मोदी सरकार के कार्यकाल में हुआ है जबकि कांग्रेस के कार्यकाल में यह क्षेत्र उपेक्षित रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर कई पीढि़यां अमेठी और आसपास के इलाके से चुनाव जीतकर आए लेकिन वहां के लोगों का कोई भला नहीं हो सका।
उन्होंने कहा कि बजट में सरकार ने देश के सभी लोगों का ख्याल रखा है इसलिए कांग्रेस नेता को भले ही यह बजट स्वीकार नहीं हो लेकिन देश की जनता को यह स्वीकार है। इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान आंदोलन को लेकर सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए किसी का नाम लिए बिना लोकसभा में कहा कि सरकार के दो शीर्ष नेता सिर्फ दो उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए परिवार नियोजन के चर्चित नारे ‘हम दो हमारे दो' के सिद्धांत पर काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि ये चार लोग कौन यह हैं यह सबको मालूम है और उनका नाम लेने की जरूरत नहीं है। यह दो लोग जो फैसला लेते हैं उसका सीधा लाभ उनके दो उद्योगपति मित्रों को मिलता है और इसीलिए वे कृषि विरोधी तीन कानून लेकर आए हैं।