Edited By Monika Jamwal,Updated: 08 Nov, 2018 06:05 PM
दरअसल बेवक्त हुई बर्फबारी ने वहां पर सेब की बागानी करने वाले किसानों की करोड़ों की फसल खराब कर दी है।
श्रीनगर : दरअसल बेवक्त हुई बर्फबारी ने वहां पर सेब की बागानी करने वाले किसानों की करोड़ों की फसल खराब कर दी है। हालांकी घाटी घूमने आए पर्यटकों के लिए तो ये बर्फबारी काफी रोमांचित कर रही है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ नवंबर के शुरूआत में हुई बर्फबारी ने स्थानीय लोगों की मुसीबतें काफी बढ़ा दी है। सेब बागवानी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बीते शनिवार और उसके बाद के एक दो दिनों में हुई भारी बर्फबारी से सेब से लदे पेड़ जड़ से उखड़ गए या फिर उनके तनें टूट गए। एक अनुमान के मुताबिक किसानों की लगभग लगभग 500 करोड़ की सेब की फसल चौपट हो गई है।
इसका सबसे ज्यादा असर कुलगाम, पुलवामा, शोपियां, बांडीपुरा और बारामूला जिले के हिस्सों में देखने को मिला यहां पर सेब के बगीचे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। वहीं कुछ विशेषज्ञों का तो यहां तक की मानना है कि वक्त से पहले हुए इस भारी बर्फबारी का नुकासन अगले साल तक बना रहेगा। बता दें कि कश्मीर की घाटी में किसानों का सबसे बड़ा उद्योग सेब की बागवानी ही है, पूरे साल भर वो इसी पर निर्भर रहते हैं, ऐसे में खराब हुए इस फसल का खामियाजा वहां के किसानों को बड़ी मात्रा में चुकाना पड़ेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्य प्रशासन से बागबानी उद्योग को पहुंचे नुकसान का सही आकलन करने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि वे मौसम की मार खाए फल उत्पादकों के लिए किसी पैकेज पर विचार करें। हालांकी बांदीपोरा में हुए नुकसान के लिए राजस्व विभाग के दल तत्काल मुआवजे और सहायता के लिए अध्ययन कर रहे हैं। वहीं हाल में मिली जानकारी के मुताबिक राज्यपाल ने नुकसान उठाने वालों को मुआवजा देने की घोषणा की है। मौसम विभाग की मानें तो करीब नौ साल बाद ऐसा हुआ है कि कश्मीर में नवंबर में भारी बर्फबारी देखने को मिली है।
दरअसल इस समेय सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें एक कश्मीरी किसान बर्फबारी में हुए अपनी सेब की फसल के नुकसान पर रोता हुए नजर आ रहा है। इसमें वो सेबों पर गिरी बर्फ की परत हटा रहा है। इस वीडियो को लगभग 11 हजार लोगों ने अब तक देख लिया है खुद जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे ट्वीट करते हुए कहा कि गर्मियों के दौरान उसकी मेहनत और ट्री ऑयल में निवेश सब बेकार हो गया है।