Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jan, 2018 05:41 PM
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आज कहा कि जातिगत राजनीति इसलिए है क्योंकि लोग जाति के नाम पर वोट देते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस परंपरा को खत्म करने के लिए सामाजिक बदलाव जरूरी है। भागवत ने कहा कि जीवन के किसी भी क्षेत्र में...
मुंबई: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आज कहा कि जातिगत राजनीति इसलिए है क्योंकि लोग जाति के नाम पर वोट देते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस परंपरा को खत्म करने के लिए सामाजिक बदलाव जरूरी है। भागवत ने कहा कि जीवन के किसी भी क्षेत्र में, चाहे वह व्यापार हो या राजनीति, सामाजिक रूप से अपनाई गई नैतिक परंपराएं राजनीति में दिखती हैं।
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि राजनीति खुद ऐसा तरीका नहीं है जिसके जरिये बदलाव लाया जा सके क्योंकि इसके रास्ते पर आगे बढते हुए अगर वे चलते रहना चाहते हैं तो उन्हें वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए ऐसा करना होता है। उन्होंने राष्ट्रवाद और कारोबार में नैतिक परंपराओं के विषय पर बात करते हुए कहा कि नेता एक निश्चित सीमा तक चीजों में सुधार कर सकते हैं और चीजों में सुधार के लिए अपने हितों के त्याग करने की जरूरत होती है। भागवत ने कहा कि‘‘ऐशोआराम और प्रतिष्ठा’’ अस्थायी हैं और लोगों को इससे प्रभावित हुए बिना इससे दूर रहना चाहिए।