टिकटॉक ने प्रतिबंध की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज करने का किया अनुरोध

Edited By Anil dev,Updated: 05 Mar, 2020 05:27 PM

social media app tiktok milind sathe

सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक ने बृहस्पतिवार को एक याचिका को खारिज करने का अनुरोध किया जिसमें ऐप पर रोक लगाने की मांग की गयी है। टिकटॉक ने बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि किसी भी ऑनलाइन आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत मानदंड...

मुंबई: सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक ने बृहस्पतिवार को एक याचिका को खारिज करने का अनुरोध किया जिसमें ऐप पर रोक लगाने की मांग की गयी है। टिकटॉक ने बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि किसी भी ऑनलाइन आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत मानदंड निर्धारित हैं। वीडियो शेयरिंग ऐप की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मिलिंद साठे ने एक जनहित याचिका को खारिज करने का अनुरोध किया जिसमें ऐप पर रोक लगाने की मांग करते हुए दावा किया गया कि आपत्तिजनक सामग्री से देश के युवाओं को नुकसान हो रहा है। 

साठे ने कहा, सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 69 ए के तहत निर्धारित प्रक्रिया है जिसमें कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति को ऑनलाइन सामग्री के बारे में कोई शिकायत है तो वह नोडल अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं और इसे हटाने की मांग कर सकते हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बी पी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एन आर बोरकर की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील को कंपनी की ओर से उठाए गए बिंदु पर जवाब देने को कहा और मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद मुकर्रर की। 

शहर की एक महिला हीना दरवेश ने नवंबर 2019 में याचिका दायर कर दावा किया था कि टिकटॉक ऐप की वजह से कई तरह के अपराध हो रहे हैं और मौतें भी हुई है । दरवेश ने अपनी याचिका में दावा किया कि पिछले साल मद्रास उच्च न्यायालय में भी ऐसी ही याचिका दायर कर अश्लील सामग्री के लिए ऐप पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। 

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