Edited By Seema Sharma,Updated: 24 Sep, 2019 01:59 PM
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि तकनीक खासकर सोशल मीडिया का दुरुपयोग खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है और अब सरकार को इसमें दखल देना ही चाहिए। कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह उसे सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर रोक संबंधी दिशा-निर्देश बनाने की समय-सीमा बताए।
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि तकनीक खासकर सोशल मीडिया का दुरुपयोग खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है और अब सरकार को इसमें दखल देना ही चाहिए। कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह उसे सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर रोक संबंधी दिशा-निर्देश बनाने की समय-सीमा बताए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया पर संदेश, सामग्री उपलब्ध करवाने वाले का पता लगाना एक गंभीर मुद्दा है और इसके लिए नीति की जरूरत है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट या फिर हाईकोर्ट इस मुद्दे पर फैसला लेने में सक्षम नहीं है और सरकार ही इस पर दिशा-निर्देश ला सकती है। जस्टिस दीपक गुप्ता ने केंद्र सरकार से कहा कि आप ही इस पर गाइडलाइन बना सकते हैं और इस पर रोक के कदम उठा सकते हैं।
जस्टिस गुप्ता ने कहा कि सोशल मीडिया के लिए सख्त दिशा-निर्देश होने चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरी प्राइवेसी सुरक्षित नहीं है, मैं तो स्मार्टफोन छोड़ने की सोच रहा हूं। जस्टिस दीपक ने कहा कि हमें इसकी सख्त जरूरत है कि ऑनलाइन अपराध और सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी डालने वाले लोगो को ट्रैक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम इसे यह कहकर नहीं छोड़ सकते कि हमारे पास इसे रोकने की टेक्नोलॉजी नहीं है।